नई दिल्लीः एनआरआई मैरिज बिल को लेकर आज राज्यसभा में चर्चा होगा. भारी हांगामे के बीच केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को इसे राज्यसभा में पेश किया था. एनआरआई बिल को विदेश मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय के साथ-साथ कानून और न्याय मंत्रालय ने मिलकर बनाया है. इस बिल का मुख्य लक्ष्य है एनआरआई पतियों को और अधिक जवाबदेह बनाना. बिल अगर पास हो जाता है तो एनआरआई पतियों के शोषण के खिलाफ भारतीय महिलाएं अधिक आवाज उठा सकेंगी.


बिल की बड़ी बातें


1. शादी के 30 दिनों के भीतर सभी एनआरआई को उसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. विदेश में रहने वाली किसी एनआरआई महिला से शादी करता है तो वहां भी शादी के 30 दिनों में स्थानीय अधिकारी के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.


2. अगर कोई एनआरआई शादी करने के बाद बिना रजिस्टर्ड कराए विदेश भाग जाता है तो उसे विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर नोटिस दिया जाएगा और साथ ही यह मान लिया जाएगा कि उसे यह नोटिस मिल गया है. इस नोटिस के आधार पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है.


3. नोटिस के बाद एक निश्चित समय सीमा के अंदर आरोपी एनआरआई को पेश होने का नोटिस दिया जाएगा और उसे पेश होना होगा. अगर कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उसकी गिरफ्तारी वॉरंट जारी हो सकता है.


4. कोर्ट के बुलाने पर भी अगर आरोपी पेश नहीं होता है तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाएगा. इसके बाद उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और पासपोर्ट भी रद कर दिया जाएगा.


पिछले काफी दिनों से देश में पीड़ित महिलाएं एनआरआई पतियों की मनमर्जी के खिलाफ कानून लाने की मांग कर रहे थे. कानून को लेकर महिला संगठन रैली करके अपना विरोध दर्ज करवा रही थी. इस रैली और संगठन में कई पीड़ित महिला शामिल हैं.


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