Cattle Slaughter Bill: असम विधानसभा में मवेशी की हत्या से संबंधित बिल पास, जानें क्या है प्रावधान?
Cattle Slaughter Bill: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि विधेयक के पीछे कोई गलत मंशा नहीं है और दावा किया कि यह सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करेगा.
![Cattle Slaughter Bill: असम विधानसभा में मवेशी की हत्या से संबंधित बिल पास, जानें क्या है प्रावधान? Bill related to cattle slaughter passed in Assam Assembly, there will be ban on selling beef within 5KM radius of temple Cattle Slaughter Bill: असम विधानसभा में मवेशी की हत्या से संबंधित बिल पास, जानें क्या है प्रावधान?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/13/e22b8bf6dca1f8a0eb7e5800c6b8c139_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Cattle Slaughter Bill: असम विधानसभा ने शुक्रवार को मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन को विनियमित करने के लिए एक विधेयक पारित किया जबकि विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा विधेयक को एक प्रवर समिति को भेजने से इनकार करने के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया. विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत डेमरी द्वारा असम मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021 को पारित करने की घोषणा करते ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और मेज थपथपाई.
जब विधेयक पर चर्चा हो रही थी तो एकमात्र निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई सदन से बहिर्गमन कर गए. विपक्षी कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सरकार से विधेयक को विधानसभा की प्रवर समिति को समीक्षा के लिए भेजने का आग्रह किया, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कानून पर चर्चा पर अपने जवाब के दौरान प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
सरमा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि विधेयक के पीछे कोई गलत मंशा नहीं है और दावा किया कि यह सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून किसी को भी ‘बीफ’ खाने से रोकने का इरादा नहीं रखता है, लेकिन जो व्यक्ति यह खाता है, उसे दूसरों की धार्मिक भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं हो सकता कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए केवल हिंदू ही जिम्मेदार हों, मुसलमानों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए.’’
नया कानून बन जाने पर किसी व्यक्ति के मवेशियों का वध करने पर रोक होगी, जब तक कि उसने किसी विशेष क्षेत्र के पंजीकृत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया हो. नये कानून के तहत यदि अधिकारियों को वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो राज्य के भीतर या बाहर गोवंश के परिवहन की जांच होगी. हालांकि, किसी जिले के भीतर कृषि उद्देश्यों के लिए मवेशियों को ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. इस नए कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे.
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