Rajya Sabha: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में चल रहे बवाल के बीच राज्यसभा में छत्तीसगढ़ के कई समुदायों को अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल करने का बिल पेश किया गया. लंच के बाद जब राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को विचार और पारित करने के लिए पेश किया. इस दौरान विपक्षी नेताओं ने इसका विरोध किया और कहा कि पहले सदन में मणिपुर पर सरकार को जवाब देना चाहिए. 


एसटी दर्जा देने का विधेयक पेश
दरअसल छत्तीसगढ़ के धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, सौंरा और बिंझिया समुदायों को राज्य में अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने के लिए राज्यसभा में ये विधेयक पेश हुआ. मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबे के बीच विधेयक के पारित होने पर आपत्ति जताई और सदन से वॉकआउट कर दिया. 


खरगे ने विधेयक का किया समर्थन
विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर मुद्दे को उठाने के लिए खड़े होकर कहा कि वो छत्तीसगढ़ को लेकर पेश किए इस विधेयक का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आना चाहिए और पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा पर बोलना चाहिए. इस दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि खरगे का माइक बंद कर दिया गया और उन्हें अपनी बात पूरी नहीं करने दी गई.


पिछले साल दिसंबर में, लोकसभा ने ध्वनिमत से संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया था. विधेयक छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, सौंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची में शामिल करने की सिफारिश करता है. लंबे समय से ये तमाम समुदाय एसटी दर्जे की मांग कर रहे थे.