पढ़ें- अनाधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लोगों को किन-किन परेशानियों से जूझना पड़ता है
पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हो सकती है. जिसमें अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी जा सकती है.
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नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की ओर से लगातार घोषणाएं की जा रही है. आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हो सकती है. जिसमें अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने वाले एक विधेयक को मंजूरी भी मिल सकती है.
पूर्वी दिल्ली के मंडावली के गली नंबर 2 कृष्णापुरी में रहने वाले यामीन खान 1985 में यहां आए थे. उस वक्त 135 गज जमीन उन्होंने खरीदी थी, लेकिन आज तक उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है. जमीन से जुड़े कोई दस्तावेज उनके पास नहीं है. उनके पास बस एक नोटरी किया पेपर है. जिसमें इनके मालिकाना हक की बात है जो कानून नहीं मानता. ऐसा इसलिए क्योंकि ये अनाधिकृत कॉलोनी में रहते हैं.
कुछ ऐसा ही हाल है उनके पड़ोसी राज सिंह का. इन्होंने भी 1995 में पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए जमीन खरीदी थी. इनके पास भी जमीन के मालिकाना हक के कोई सरकारी दस्तावेज नहीं है ना ही मकान की रजिस्ट्री है. दोनों पिछले कई साल से इस डर में जी रहे है कि कहीं सरकार इन्हे यहां से हटा ना दे क्योंकि वो इस जगह के मालिक है इसका उनके पास कोई सबूत या दस्तावेज नहीं हैं. वहीं सरकार के रिकॉर्ड में भी इसका जिक्र नहीं है. इन दोनों की तरह दिल्ली में ऐसे लाखों लोग रहते हैं जिनका मकान अनाधिकृत कॉलोनी में है.
दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को आज मिल सकती है खुशखबरी
इन इलाकों में प्रॉपर्टी का काम करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों का कहना है कि कई लोग इस बारे में जानते है. वो लोगों को जमीन के बारे में बताते भी हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग इन इलाकों में मकान लेने को तैयार रहते हैं. वहीं ना तो इन इलाकों में घर खरीदने या निर्माण के लिए बैंक से लोन मिलता है. अब अनाधिकृत कॉलोनी में रहनेवाले लोगों को राहत मिल सकती है. मोदी सरकार दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को राहत दे सकती है.
मोदी सरकार इन कॉलोनियों को नियमित करने से जुड़े बिल को मंजूरी दे सकती है. इस से 17 सौ से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनी नियमित हो जाएंगी. अगर ऐसा होता है तो कई लोगों को बहुत फायदा होगा. दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल की मानें तो सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो मालिकाना हक से यहां पर रह रहे हैं.
दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से ये होगा फायदा-
- लोगों को उनके घर का मालिकाना हक मिलेगा. - घरों की रजिस्ट्री होगी. - घर खरीदना और बेचना आसान और कानूनी हो जाएगा. - अनाधिकृत कॉलोनियों में घर के निर्माण या खरीद के लिए बैंक से लोन नहीं मिलता था नियमित होने पर लोन मिलने लगेगा. - अनधिकृत कॉलोनियों में एमसीडी और केंद्र सरकार के फंड के जरिए विकास कार्य होंगे जो कि अब तक नहीं होते थे. - वहीं इन इलाकों में सर्कल रेट लागू होने से घरों की कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी.
जो इलाके अनाधिकृत होते हैं वहां कोई सुविधाएं नहीं होती हैं. हाल ही में केजरीवाल सरकार ने सेप्टिक टैंक की सफाई फ्री में जल बोर्ड से कराने का एलान किया है. यहां सीवर लाइन से कनेक्ट ना होने से सेप्टिक टैंक होते हैं जिनकी सफाई खुद लोग कराते हैं क्योंकि ये अनाधिकृत कॉलोनी है. फिलहाल इन अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वालों की नजर कैबिनेट की बैठक पर है.
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