Corbevax Vaccine: बायोलॉजिक-ई ने बूस्टर डोज के तौर पर ‘कोर्बेवैक्स’ के थर्ड फेज के ट्रायल की इजाजत मांगी
कोर्बेवैक्स (Corbevax) स्वदेशी वैक्सीन है जिसके दूसरे और तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल का नतीजा इसी महीने सामने आ सकता है. अब कंपनी ने बूस्टर डोज के तौर पर थर्ड फेज के ट्रायल की इजाजत मांगी है.
Corbevax Vaccine: कोविशिल्ड या कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए सिंगल बूस्टर डोज के तौर पर फार्मा कंपनी बायोलॉजिक-ई (Biological E) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोरोना वैक्सीन कोर्बेवैक्स (Corbevax) के थर्ड फेज के ट्रायल की इजाजत मांगी है.
हैदराबद की दवा कंपनी बायोलॉजिक-ई की तरफ से विकसति ‘कोर्बेवैक्स’ स्वदेशी वैक्सीन है जिसकी दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल का नतीजा इसी महीने आ सकता है. इस आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन को 18 से 80 साल के आयुवर्ग के लोगों को दिया जाना है.
Pharma company Biological E seeks DCGI's nod to conduct phase-3 trial of COVID-19 vaccine Corbevax as single booster dose in those fully vaccinated with Covishield or Covaxin
— Press Trust of India (@PTI_News) October 12, 2021
हाल ही में डीजीसीआई को थर्ड फेज के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत मांगते हुए कंपनी ने आवेदन दिया था. कंपनी ने कहा था कि वह कॉर्बेवैक्स की सेफ्टी का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत मांगती है. डीसीजीआई ने सितंबर में कंपनी को कुछ शर्तों के साथ 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत दी थी.
सरकार ने पिछले हफ्ते कहा था कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोड के उपयोग से संबंधित विज्ञान अभी भी विकसित हो रहा है और घटनाक्रम पर करीब से नजर रखी जा रही है. बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारत में अब तक बूस्टर डोज को मंजूरी नहीं दी है.
क्या है बूस्टर डोज?
बूस्टर डोज कोरोना का तीसरा डोज है जिसका उद्देश्य लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है. दुनिया के कुछ मुल्कों में कोरोना का बूस्टर शॉट दिया जा रहा है. इसमें इजरायल और अमेरिका का नाम शामिल है. पिछले महीने ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बूस्टर शॉट लिया है.
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