(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Monsoon Update: चक्रवात बिपरजॉय से मानसून पर कितना प्रभाव पड़ा? मौसम विभाग ने बताया
Biparjoy Cyclone: बिपरजॉय चक्रवात देश के मौसम पर किस तरह असर दिखाएगा इसको लेकर मौसम विभाग ने नया अपडेट जारी किया है. मानसून को लेकर भी विभाग का मानना है कि ये तूफान इसे कहां लेकर जाएगा.
IMD On Biparjoy Cyclone: बिपरजॉय चक्रवात ने गुजरात में तबाही मचाई है. इस बीच मौसम विभाग की ओर से ताजा अपडेट में बताया गया है कि ये तूफान मानसून के लिए मददगार साबित हो सकता है. फिलहाल देश के कई हिस्सों में गर्मी का भयंकर प्रकोप देखने को मिल रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार (16 जून) को कहा कि अरब सागर से उठे चक्रवात बिपारजॉय के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रविवार से बारिश के आसार हैं. साथ ही वैज्ञानिकों ने बिपारजॉय के पूर्वी भारत में मानसून को आगे बढ़ाने में मददगार होने की संभावना जताई है. पूर्वी भारत फिलहाल भीषण गर्मी की चपेट में है.
‘मानसून की गति को किया है प्रभावित’
बंगाल की खाड़ी के ऊपर किसी मौसम प्रणाली की अनुपस्थिति के कारण गत 11 मई से ही मानसून की गति मंद है. मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात बिपारजॉय ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति को प्रभावित किया है. मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि 18 जून से 21 जून तक पूर्वी भारत और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिहाज से परिस्थितियां अनुकूल होंगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा, ‘‘राजस्थान में भारी वर्षा कराने के बाद यह प्रणाली 20 जून से मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बारिश का कारण बनेगी. यह मानसूनी हवाओं को खींचेगी और मानसून को पूर्वी भारत में आगे बढ़ने में मदद करेगी.’’
मानसून को लेकर अलग-अलग मत
भारत में मानसून ने इस साल सामान्य से एक हफ्ते की देरी से आठ जून को केरल तट पर दस्तक दी. कुछ मौसम विज्ञानी इस देरी और केरल में मानसून के नरम रहने का कारण चक्रवात को बता रहे हैं, लेकिन आईएमडी का मत इससे अलग है.
मानसून ने अब तक पूरे पूर्वोत्तर, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को अपने चपेट में ले लिया है. शोध से पता चलता है कि केरल में मानसून के पहुंचने में देरी का अनिवार्य रूप से यह मतलब नहीं है कि उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून के पहुंचने में देरी होगी. हालांकि, केरल में मानसून के देरी से पहुंचने का कम से कम दक्षिणी राज्यों और मुंबई के ऊपर मानसून के छाने में देरी से आमतौर पर संबंध रहा है.
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