(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Biparjoy Cyclone: करीब 10 दिन तक अरब सागर में क्यों उठता रहा चक्रवात, पिछले तूफानों का भी तोड़ा रिकॉर्ड
Biparjoy Cyclone: चक्रवात बिपरजॉय ने गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर दस्तक देने के बाद जमकर तबाही मचाई, तेज हवाओं के चलते कई जानवरों की मौत हो गई और करीब 22 लोग घायल हुए.
Biparjoy Cyclone: चक्रवात बिपरजॉय गुजरात में तबाही मचाने के बाद अब शांत हो गया है और राजस्थान की तरफ बढ़ रहा है. गुजरात के जखाऊ पोर्ट पर दस्तक देने के बाद तेजी से हवाएं चलने लगीं और जमकर नुकसान हुआ. इस तूफान से कई जानवरों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए. सैकड़ों गांवों की बिजली भी गुल हो गई है. तूफान से बचने के लिए करीब 1 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया. मौसम विभाग के मुताबिक ये तूफान पिछले 10 दिनों से अरब सागर में घूम रहा था, जिसके बाद ये तट तक पहुंचा. इसके साथ ही इस तूफान ने एक नया रिकॉर्ड भी बना लिया, बिपरजॉय सबसे लंबे समय तक अरब सागर में रहने वाला तूफान बन गया.
लंबे समय तक सागर में रहा बिपरजॉय
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 14 जून को बिपरजॉय पूर्व की तरफ मुड़ गया था, इससे पहले लगातार 8 दिन तक ये तूफान अरब सागर में उत्तर की तरफ बढ़ रहा था. गर्म समुद्र की सतह पर जो तापमान था, उससे इस तूफान ने समुद्र में ज्यादा समय बिताया. इससे पहले किसी भी तूफान को इतने लंबे समय तक अरब सागर में नहीं देखा गया. साल 2019 में चक्रवात क्यार करीब 9 दिन तक रहा था. अब बिपरजॉय ने इसका रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
जलवायु परिवर्तन का हो रहा असर
एनडीटीवी से बात करते हुए आईआईटी बॉम्बे में विजिटिंग प्रोफेसर रघु मुर्तुगुड्डे ने बताया कि बिपरजॉय के इतने लंबे समय तक टिके रहने का कारण अरब सागर में मौजूद गर्म पानी है. ये इस बात का भी उदाहरण है कि कैसे लगातार क्लाइमेट चेंज असर डाल रहा है. ये तूफानों को लंबे समय तक चलने में मदद कर रहा है. उन्होंने बताया कि चक्रवात 6 जून की सुबह बनना शुरू हुआ, जब अरब सागर में पानी का तापमान सामान्य से काफी गर्म था. अरब सागर के असामान्य रूप से गर्म पानी ने चक्रवात बिपरजॉय को दो बार सुपरचार्ज किया. जिससे इसकी रफ्तार तेज होती चली गई.
गुजरात के तट तक पहुंचने पर तूफान की रफ्तार 100 किमी प्रतिघंटे से ज्यादा की थी. इस चक्रवात से पहले ही तमाम तरह की तैयारियां कर ली गई थीं और लोगों को तटों से दूर कर दिया गया था. करीब 1 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया. यही वजह है कि अब तक किसी के भी हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि करीब 22 लोग घायल हुए हैं और कई जानवरों की मौत हुई है.