बिपिन रावत ने संभाला देश के पहले CDS का पदभार, कहा- अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं सशस्त्र बल
बिपिन रावत ने कहा है कि तीनों सेनाएं एक टीम के रूप में काम करेंगी और एकजुट होकर दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करेंगी. हम संसाधनों का भी बेहतर इस्तेमाल करेंगे. इससे पहले तीनों सेनाओं ने बिपिन रावत को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया.
नई दिल्ली: जनरल बिपिन रावत ने आज देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) के तौर पर पदभार संभाल लिया है. कार्यभार संभालने के बाद बिपिन रावत ने कहा है कि तीनों सेनाएं एक टीम के रूप में काम करेंगी और एकजुट होकर दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करेंगी. हम संसाधनों का भी बेहतर इस्तेमाल करेंगे. इससे पहले तीनों सेनाओं ने बिपिन रावत को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया. रावत कल सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे.
बिपिन रावत ने कहा, ''सशस्त्र बल अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं और सरकार के निर्देशों के अनुरूप काम करते हैं.'' उनकी यह टिप्पणी उन आरोपों के बीच आयी है कि सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है. जनरल रावत ने यह भी कहा कि सीडीएस के तौर पर उनका लक्ष्य तीनों सेवाओं के बीच समन्वय और एक टीम की तरह काम करने पर केंद्रित होगा.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं. हम मौजूदा सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करते हैं.’’ जनरल रावत ने कहा कि उनका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होगा कि तीनों सेनाओं को मिले संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ और सर्वोत्तम इस्तेमाल हो.
65 साल की उम्र रहेंगे चीफ ऑफ डिफेंस
बता दें कि बिपिन रावत 65 साल की उम्र तक चीफ ऑफ डिफेंस के पद पर रह सकते हैं. यानि जनरल रावत अगले तीन साल तक इस पद पर बने रह सकते हैं क्योंकि वे इसी साल मार्च में 62 साल के होंगे. सरकार ने सीडीएस के पद के लिए शनिवार को ही आर्मी रूल्स में बदलाव करते हुए सीडीएस के लिए 65 साल की उम्र घोषित कर दी थी. अपने तीन साल के कार्यकाल में जनरल बिपिन रावत ने ना केवल पाकिस्तान की नकेल कसकर रखी बल्कि चीन की भी हर चाल को नाकाम कर दिया.
Delhi: Chief of Defence Staff(CDS) General Bipin Rawat receives guard of honour pic.twitter.com/Wakszy5eex
— ANI (@ANI) January 1, 2020
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साल 2016 में पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान वे सहसेना प्रमुख के पद पर थे और उसकी प्लानिंग और कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाई थी. यही वजह है कि सरकार ने वरिष्ठता के नियम को दरकिनार करते हुए जनरल बिपिन रावत को थलसेना प्रमुख बनाया था.
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