त्रिपुरा के CM बने बिप्लब देब, PM मोदी बोले- आज फिर से दिवाली आयी है
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि त्रिपुरा चुनाव परिणाम की इतिहास में भी चर्चा होगी.
नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के तौर पर बिप्लब देब ने शुक्रवार को शपथ ली. राज्यपाल तथागत राय ने उन्हें पद और गोपणीयता की शपथ दिलाई. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, लाल कृष्ण आडवाणी, माणिक सरकार और कई गणमान्य उपस्थित थे.
जिष्णु देबबर्मा को राज्यपाल तथागत राय ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. बिप्लब देब की कैबिनेट में बीजेपी की सहयोगी इंडिजनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को भी जगह दी जाएगी. आईपीएफटी नेता एन सी देबबर्मा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है.
Agartala: #BiplabDeb takes oath as the next Chief Minister of #Tripura pic.twitter.com/yjfqx5m88B
— ANI (@ANI) March 9, 2018
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि त्रिपुरा चुनाव परिणाम की इतिहास में भी चर्चा होगी.
प्रधानमंत्री के भाषण की खास बातें:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज त्रिपुरा में फिर से दिवाली आयी है. त्रिपुरा में आज विकास का दीप, एक नयी उमंग, नया उत्साह पैदा हुआ है.'
उन्होंने कहा, 'मैं त्रिपुरा वासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि ये सरकार उनके लिए भी है जिन्होंने हमे वोट दिए हैं और ये सरकार उनके लिए भी है जिन्होंने हमे वोट नहीं दिए हैं.'
मोदी ने कहा, 'त्रिपुरा में जो विपक्ष में हैं उनके पास अनुभव है और जो पक्ष में हैं उनके पास उत्साह है, सपने हैं, ये दोनों शक्तियां मिलकर त्रिपुरा को आगे बढ़ाएं तो देखते ही देखते त्रिपुरा नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा.'
उन्होंने वादा किया कि त्रिपुरा सरकार को जितनी आवश्यकता होगी, भारत सरकार उतनी रफ्तार से कंधे से कंधा मिला कर चलेगी. त्रिपुरा की जनता के सपने हमारे सपने हैं.' त्रिपुरा में 18 फरवरी को हुए चुनाव बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन ने में 59 में से 43 सीटें जीती हैं. माकपा ने 16 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस खाता खोलने में नाकाम रही. बीजेपी ने वाम दलों के लगातार 20 सालों के राज को खत्म करते हुए पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में पहली बार सरकार बनाई है.
जिन्हें दिलाई गई मंत्री पद की शपथ रतनलाल नाथ- बीजेपी में आने से पहले रतनलाल 4 बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं, दमदार और साफ़-सुथरी छवि के नेता हैं.
सुदीप रॉय बर्मन- त्रिपुरा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. वह टीएमसी में भी रह चुके हैं.
प्रांजित सिंह रॉय- ईमानदार और काम करने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. वह पूर्व में कांग्रेस में रह चुके हैं.
मनोज कांति देबृ- युवा बीजेपी विधायक हैं. पहले कांग्रेस में रह चुके हैं.
मेवाड़ जमातिया- आईपीएफटी के जनरल सेक्रेटरी और मौजूदा विधायक हैं. पूर्व उग्रवादी नेता रह चुके हैं. बाद में इस्तीफा देकर आईपीएफटी में शामिल हुए.
संताना चकमा- बीजेपी विधायक हैं और चकमा जनजाति की प्रतिनिधी हैं. त्रिपुरा में करीब 2 लाख वोटर चकमा जनजाति के हैं.
कौन हैं बिप्लब देब बिप्लब देब के पास राज्य बीजेपी की कमान है. उन्होंने अपने नेतृत्व में बीजेपी को फर्श से अर्श पर पहुंचाया है. बीजेपी त्रिपुरा में पिछले चुनावों तक एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी. लेकिन 18 फरवरी को हुए चुनाव में जनता ने बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिया.
48 साल के बिप्लब देब ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत त्रिपुरा से दूर दिल्ली में की थी. सबसे पहले वो संघ के स्वयंसेवक बने और फिर बीजेपी के संगठन तक पहुंचे.
दक्षिण त्रिपुरा के उदयपुर में बिप्लब देव का जन्म हुआ
1998 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो दिल्ली पहुंचे
आरएसएस नेता गोविंदाचार्य से बिप्लब को ट्रेनिंग मिली
बिप्लब देव साल 1998 से 2015 तक दिल्ली में रहे
2015 में बिप्लब देब को त्रिपुरा भेजा गया
जनवरी 2016 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया
इससे पहले दिल्ली में बिप्लब एक लंबे समय तक बीजेपी सांसद गणेश सिंह के पीए के तौर पर काम करते रहे. गणेश सिंह के मुताबिक बिप्लब देब के भीतर शुरूआत से ही लोगों से जुड़ने की अदभुत क्षमता थी.