नई दिल्ली: त्रिपुरा में 25 साल बाद लेफ्ट के किले को ढहाने के बाद बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. त्रिपुरा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने आज सीएम पद की शपथ लेकर राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, लाल कृष्ण आडवाणी और राजनाथ सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार और उनकी कैबिनेट के पूर्व मंत्री भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे.
जिष्णु कुमार देबबर्मा ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. जिष्णु कुमार बीजेपी के जनजाति मोर्चा के प्रदेश संयोजक हैं. आईपीएफटी के अध्यक्ष एनसी देबबर्मा, रतनलाल, संदीप रॉय बर्मन और संताना चकमा ने मंत्री पद की शपथ ली.
बता दें कि बीजेपी-इंडीजीनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन ने पिछले हफ्ते आए चुनाव परिणामों में जीत दर्ज की और 25 साल के माकपा नीत वाम शासन को उखाड़ फेंका. बीजेपी ने 35 सीटें जीतीं, जबकि आईपीएफटी के आठ सदस्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए. राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा है. एक सीट पर माकपा उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव रद्द कर दिया गया था.
कौन हैं बिप्लव देब-
48 साल के बिप्लब देब ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत त्रिपुरा से दूर दिल्ली में की थी. सबसे पहले वो संघ के स्वयंसेवक बने और फिर बीजेपी के संगठन तक पहुंचे.
- दक्षिण त्रिपुरा के उदयपुर में बिप्लब देव का जन्म हुआ
- 1998 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो दिल्ली पहुंचे
- आरएसएस नेता गोविंदाचार्य से बिप्लब को ट्रेनिंग मिली
- बिप्लब देव साल 1998 से 2015 तक दिल्ली में रहे
- 2015 में बिप्लब देब को त्रिपुरा भेजा गया
- जनवरी 2016 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया
इससे पहले दिल्ली में बिप्लब एक लंबे समय तक बीजेपी सांसद गणेश सिंह के पीए के तौर पर काम करते रहे. गणेश सिंह के मुताबिक बिप्लब देब के भीतर शुरूआत से ही लोगों से जुड़ने की अदभुत क्षमता थी.
त्रिपुरा में पार्टी की कमान मिलते ही बिप्लब देब ने हर इलाके में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के लिए आवाज़ उठाई. लोगों के घर-घर तक गए. जानकारों के मुताबिक वो एक नए चेहरे हैं और उनके दामन पर कोई दाग भी नहीं था, यही वजह है कि लोगों ने उन्हें अपने सिर माथे पर बिठाया.
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