अगरतला: शून्य से शिखर पर सूबे में बीजेपी को पहुंचाने वाले नायक बिप्लब देब को पार्टी ने सीएम बनाने का फैसला किया है. 25 साल से राज करने वाले लेफ्ट के अभेद किला को ध्वस्त करने का ईनाम देब को सूबे का मुखिया बनाकर दिया जा रहा है तो उनके सहयोग के लिए डिप्टी सीएम के रूप में जिष्णु देब को चुना गया है.  


बता दें कि मेघालय में कॉनराड संगमा ने एनडीए के सीएम के तौर पर शपथ ले ली है. वाई पैटन नागालैंड में एनडीए के सीएम बनेंगे. इसी के साथ पूर्वोत्तर यानी नॉर्थ ईस्ट के तीन और राज्यों में एनडीए ने सफलतापूर्वक सरकार बनाने की कवायद पूरी कर ली है.


देब के सीएम पद के लिए चुने जाने पर जिष्णु देव बर्मन ने कहा, "मैं उत्साहित महसूस कर रहा हूं. बिप्लब जी के साथ मिलकर हम त्रिपुरा को विकास के पथ पर ले जाने का काम करेंगे. हम इसे नंबर 1 राज्य बनाएंगे. शिक्षा, हेल्थ, ग्रामीण और आदिवासियों का विकास वो मुद्दे हैं जिसपर हमारा ज़ोर रहेगा."





सिर्फ त्रिपुरा में मिला था बहुमत, तीनों राज्यों में बनाई सरकार


हाल ही में समाप्त हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में त्रिपुरा में पार्टी ने बहुमत हालिस किया था और मेघालय-नागालैंड में पार्टी ने सहियोगियों को साथ लाकर एनडीए की सरकार बनाने अपनी मुहिम को अंजाम दे दिया है. त्रिपुरा में बीजेपी ने अपने 35 विधायकों और आईपीएफटी के आठ विधायक वाली ऐतिहासिक जीत से लेफ्ट के 25 सालों का साशन समाप्त कर दिया.


वहीं मेघालय में पार्टी ने अपने दो विधायकों की जीत को 34 विधायकों वाली सरकार में तब्दील कर दिया. 34 विधायकों में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के 19, यूडीपी के छह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के चार, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) और बीजेपी के दो-दो और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं.


60 सीटों वाले नागालैंड में बीजेपी ने इस बार एनडीपीपी के साथ गंठबंधन किया था, जिसका बीजेपी को बड़ा फायदा मिला है. राज्य में बीजेपी और उसकी सहयोगी दल एनडीपीपी ने मिलकर 27 सीटों पर अपना कब्जा जमाया. इसमें बीजेपी ने 11 सीटें और एनडीपीपी ने 16 सीटें जीतीं. वहीं एनपीएफ ने 27 सीटों पर जीत हासिल की. जेडीयू ने इस चुनाव में एक सीट और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीएफ) ने दो सीटों पर कब्जा जमाया.


आम चुनाव में जीत के कॉन्फिडेंस से लबरेज होकर जाएगी बीजेपी


आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए जीत के बाद भी निराशाजनक रहे थे क्योंकि पीएम मोदी के गृहराज्य में पार्टी को 100 से कम सीटें मिली थीं. वहीं बीते दिनों हुए राजस्थान और मध्य प्रदेश के उप चुनाव भी पार्टी का मनोबल छोटा करने वाले साबित हुए. वहीं नॉर्थ ईस्ट देश का वो हिस्सा रहा है जहां लंबे समय तक पार्टी को भगवा पार्टी कह कर खारिज किया जाता रहा है. ऐसे में तीन और राज्यों में एनडीए की सरकार बनना बीजेपी के मनोबल में चार चांद लगाने वाला साबित होगा और 2019 के चुनाव में ये पार्टी अब इस जीत के कॉन्फिडेंस से लबरेज होकर जाएगी.