Meteorological Department Ahmedabad: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार (10 जून) को कहा कि अगले 12 घंटों में 'बिपरजॉय' एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. मगर विभाग ने कहा कि इसके गुजरात तट से टकराने का अनुमान नहीं है और चक्रवात के पोरबंदर तट से 200-300 किलोमीटर की दूरी से गुजरने का अनुमान है.


मौसम विभाग ने कहा, अगले पांच दिनों के दौरान गुजरात में आंधी और तेज हवाएं चलने की संभावना है. अपने नए पूर्वानुमान में, आईएमडी ने कहा कि बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' के अगले 12 घंटों के दौरान एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है. 


चक्रवाती तूफान पोरबंदर से 600 किमी दूर
एक अधिकारी ने कहा कि अगले तीन दिन के दौरान उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने से पहले इसके धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है. अहमदाबाद (भारत मौसम विज्ञान विभाग) केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, "चक्रवाती तूफान वर्तमान में पोरबंदर से 600 किमी दूर है. जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगा, बंदरगाह संकेत चेतावनी इसके अनुसार बदल जाएगी. इस समय चक्रवात के पोरबंदर से 200-300 किमी और नलिया (कच्छ) से 200 किमी की दूरी से गुजरने का अनुमान है. जहां तक मौजूदा पूर्वानुमान का संबंध है, इसके गुजरात तट से टकराने की आशंका नहीं है." 


मछुआरों को अरब सागर में न जाने की चेतावनी
उन्होंने मीडिया से कहा कि मछुआरों को अगले पांच दिन के दौरान अरब सागर में न जाने की चेतावनी दी गई है और मछली पकड़ने की सभी गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है. मोहंती ने कहा, "चक्रवात उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है. अगले 24 घंटों में इसकी गति बदलकर उत्तर पूर्व की ओर होने का अनुमान है. इसके बाद, चक्रवात की गति उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर होगी." 


गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान
उन्होंने कहा कि गुजरात में अगले पांच दिन में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है, खासकर सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में हवा की गति तेज रहेगी. मोहंती ने कहा, "अगले दो दिनों के दौरान, सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में 30-40 किमी प्रति घंटे की हवा की गति देखी जा सकती है. इसके बाद, इस क्षेत्र में 30-50 किमी प्रति घंटे से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है"


अधिकारियों ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को पोरबंदर, गिर सोमनाथ और वलसाड जिलों में भेज दिया है. भारतीय तटरक्षक बल ने गुजरात, दमन और दीव के मछुआरा समुदाय और नाविकों को जरूरी सावधानी बरतने और सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी है.


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