Tripura Election 2023: सीपीआईएम और कांग्रेस में सुलझ गया सीटों का फॉर्मूला, इतनी सीटों पर लड़ेंगी दोनों पार्टियां
Tripura Elections 2023: त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने बताया कि माकपा और कांग्रेस के बीच आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सीट विभाजन समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया है.
Congress And CPI(M) Reached An Agreement: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस ने त्रिपुरा (Tripura) में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को सीट बंटवारे को लेकर समझौता कर लिया. कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने यह जानकारी दी है. नामांकन पत्र वापस लेने के आखिरी दिन बृहस्पतिवार को सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी.
माकपा और कांग्रेस में सीटों के लेकर था गतिरोध
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर माकपा और कांग्रेस दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध था. 25 जनवरी को वाम मोर्चा ने 60 विधानसभा सीटों में से 47 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे और कांग्रेस के लिए महज़ 13 सीटें छोड़ी थी. इसके बाद कांग्रेस ने 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए थे.
दोनों दलों के केंद्रीय नेताओं ने वाम मोर्चा के लिए 47 और कांग्रेस के लिए 13 सीटों के फॉर्मूले को बीजेपी को हराने के लिए स्वीकार किया. इसके बाद कांग्रेस ने 17 में से तीन उम्मीदवारों को वापस ले लिया. कांग्रेस (Congress) के एक अन्य प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया था.
नामांकन पत्र वापसी के आखिरी दिन बनी रजामंदी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा (Birajit Sinha) ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ माकपा (CPI(M) और कांग्रेस के बीच आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट विभाजन समझौते को गुरुवार को अंतिम रूप दे दिया गया. यह नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. समझौते के तहत कांग्रेस के तीन नेताओं ने अपने नामांकन वापस ले लिए.”
उन्होंने कहा कि सीट बंटवारा समझौता होने से पहले अपना नामांकन दाखिल करने वाले माकपा के 13 उम्मीदवारों ने भी पर्चा वापस ले लिया है. माकपा के वरिष्ठ नेता पबित्रा कर (Pabitra Kar) ने कहा कि सीट विभाजन को लेकर कांग्रेस के साथ गतिरोध को बातचीत के जरिए आखिरकार सुलझा लिया गया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिन्हा ने कहा, “ अब हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे ताकि बीजेपी (BJP) को हरा सकें, जिसने जनता को बेवकूफ बनाया और पिछला चुनाव जीता.” उन्होंने ने कहा कि दोनों दल बीजेपी को हराने के लिए संयुक्त रूप से प्रचार करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पिछले पांच साल के दौरान ‘लोकतंत्र का गला घोंटा’ है.
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