पश्चीम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट में सोमवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई जिसको लेकर गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है. मामले के सामने आने के बाद विपक्ष ने ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. किसी ने उनके इस्तीफे की मांग की तो किसी ने पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने की तो वहीं किसी ने राज्य में राष्ट्रपति साशन लागू करने का आग्रह किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के हमलो का जवाब देते हुए कहा, 'सरकार हमारी है और हमें अपने राज्य के लोगों की चिंता है.' 


ममता ने अपने बयान में कहा, 'हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी भी नागरिक को तकलीफ हो. बीरभूम, रामपुरहाट की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने आगे कहा, 'घटना की जानकारी मिलने के बाद मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया है साथ ही मैं कल खुद रामपुरहाट जाऊंगी.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं बीरभूम हत्याओं को सही नहीं ठहरा रही पर यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं और ये बंगाल है उत्तर प्रदेश नहीं. घटना को राजनीतिक बना देने के बावजूद हिंसा में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'






अनुच्छेद 355 लागू हो- अधीर रंजन


बता दें, इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में संविधान के अनुच्छेद 355 को लागू करने का आग्रह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से किया. उन्होंने कहा राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह खराब हो चुकी है. वहां के लोग डरे-सहमे रहते हैं उनकी सुरक्षा के लिए राज्य में अनुच्छेद 355 लागू कर दिया जाए. 


अमित शाह ने मांगी 72 घंटे में रिपोर्ट


वहीं आज पांच बीजेपी सांसदों का दल घटनास्थल पर पहुंचेगा. इससे पहले कल बीजेपी दल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. अमित शाह ने राज्य सरकार से 72 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था तेजी से चरमरा गई है. पंचायत उपप्रधान (उप प्रमुख) की हत्या के बाद बीरभूम जिले के रामपुरहाट इलाके में तनाव और दहशत फैल गई है. भादू शेख कथित तौर पर कल शाम एक बम हमले में मारा गया था. गुस्साई भीड़ ने बाद में तोड़फोड़ की और कई घरों में आग लगा दी.


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