WB Bogtui Massacre: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले बोगतुई हिंसा का आरोपी लालन शेख की सीबीआई हिरासत में मौत हो गई है. सीबीआई ने लालन शेख को 3 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक फिलहाल मौत की वजह का पता नहीं चला है. लालन शेख का शव बीरभूम में रामपुरहाट के सीबीआई की अस्थाई कैंप में शाम पांच बजे मिला है.


सीबीआई सूत्रों का कहना है कि उसने खुदकुशी की है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई को सीबीआई अधिकारी ने बताया कि शेख का शव टॉयलेट में लटकता हुआ पाया गया था. जिला पुलिस मामले की जांच कर रही है.


लालन शेख बीरभूम के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में हुए हिंसा मामले में मुख्य आरोपी था.सीबीआई ने उसे दिसंबर के पहले हफ्ते में गुप्त सूचना के बाद झारखंड के पाकुड़ इलाके के एक घर से गिरफ्तार किया था. उसे चार दिसंबर को रामपुरहाट की अदालत में पेश किया गया था.


अदालत ने उसे 6 दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में भेज दिया था. 6 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद अदालत ने उसे दोबारा तीन दिनों के लिए सीबीआई कस्टडी में भेज दिया था. दोबारा कस्टडी के अभी दो ही दिन हुए थे कि लालन शेख के मरने की खबर आ गई. 


बोगतुई गांव में 10 लोग जिंदा जला दिए गए थे


बीरभूम जिले में इस साल 21 मार्च की रात बोगतुई गांव में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद कुछ घरों में आग लगा दी गई थी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी.  सूत्रों के मुताबिक लालन शेख इस घटना में मारे गए भादू शेख का करीबी था. आरोप है कि लालन शेख ने ही आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले लोगों की अगुवाई की थी.  


अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है सीबीआई


बीरभूम के बोगतुई गांव में लोगों को जिंदा जला देने के मामले में सीबीआई ने टीएमसी नेता भादू शेख के सौतेले भाई जहांगीर को 6 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. घटना के बाद से अब तक जहांगीर फरार था. उसे सीबीआई ने पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा के पास से गिरफ्तार किया था.


लालन शेख से मिली जानकारी के बाद ही सीबीआई ने जहांगीर को गिरफ्तार किया था. भादू शेख की हत्या का बदला लेने के लिए ही बोगतुई में हिंसा की घटना को अंजाम दिया गया था. सीबीआई के मुताबिक इस घटना को अंजाम देने में भादू शेख के सौतेले भाई जहांगीर का बड़ा हाथ था. हिंसा के बाद से ही जहांगीर लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. सीबीआई का दावा है कि उसके पास हत्याकांड में जहांगीर के शामिल होने को लेकर पुख्ता सबूत हैं. इस मामले में सीबीआई ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. 


ज्यादातर आरोपियों के टीएमसी कार्यकर्ता दोने का दावा


कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई इस घटना की जांच कर रही है. 21 मार्च 2022 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर में 30 से ज्यादा लोगों को नामजद किया गया था. शुरुआती जांच के हिसाब से 70-80 लोगों की भीड़ ने पीड़ितों के घरों में तोड़फोड़ की. भीड़ ने 8 लोगों को हत्या के इरादे से उन्हें घरों में बंद कर आग लगा दी. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी थे.


सीबीआई की शुरुआती जांच में दावा किया गया कि उप प्रधान भादू शेख की हत्या का बदला लेने के लिए यह हिंसा हुई थी. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें से ज्यादातर टीएमसी के कार्यकर्ता बताए जाते हैं. बोगतई नरसंहार के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में काफी विवाद हुआ था. खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटनास्थल का दौरा कर पूरे मामले की जानकारी ली थी. उन्होंने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी देने का ऐलान किया था. 


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