Bird Flu Live Updates: सात राज्यों में बर्डफ्लू का खतरा बढ़ा, केंद्र सरकार ने बनाया कंट्रोल रूम

देश के चार राज्यों में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. हिमाचल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल में बर्ड फ्लू फैल चुका है. कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में भी पक्षियों की मौत से लोग सहमे हैं. केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 06 Jan 2021 03:21 PM
मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि केरल में खाने के पक्षियों में यह वायरस फैला है. CM का निर्देश है कि दक्षिण के राज्य केरल सहित जहां से भी एमपी में मुर्गी का आयात होता है उस पर निगरानी रखी जाए और हम सुनिश्चित करेंगे कि वायरस एमपी में कहीं भी न फैले. सीएम के निर्देश पर जिलों में रैंडम चेकिंग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पोल्ट्री फार्म और खाने वाले पक्षी में ये (बर्ड फ्लू) वायरस न फैले. अभी तक पोल्ट्री और मुर्गी में ये वायरस नहीं गया है.
मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि बर्ड फ्लू को लेकर आज माननीय मुख्यमंत्री जी ने उच्चस्तरीय बैठक की और निर्देश दिया कि बर्ड फ्लू के पूरे मामले की जिला स्तर पर निगरानी हो. मध्य प्रदेश की सरकार इस पूरी स्थिति का जायज़ा ले रही है.
देश में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. बर्ड फ्लू अबतक देश के सात राज्यों में फैल गया है. फ्लू के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने कंट्रोल रूम बनाया है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बर्ड फ्लू पर वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की है.
देश में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. बर्ड फ्लू अबतक देश के सात राज्यों में फैल गया है. फ्लू के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने कंट्रोल रूम बनाया है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बर्ड फ्लू पर वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की है.
भोपाल में बर्ड फ्लू को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई है. विभाग के मंत्री और अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहेंगे. भारत सरकार की गाइड लाइन पर चर्चा हो रही है. शिवराज सिंह ने कहा कि बर्ड फ़्लू के चलते पॉल्ट्री फार्म मालिक को दिए निर्देश जाएंगे. पॉल्ट्री फार्म में पक्षियों के सैम्पल लिए जाएंगे.
कोरोना काल में बर्डफ्लू का खतरा बढ़ गया है और अब इसको लेकर सरकारों के सामने नई चुनौती हैं. राजस्थान के झालावाड़ में मोर की भी मौत की खबर आई है. इसके अलावा बारां में भी बर्डफ्लू की पुष्टि हो चुकी है. प्रशासन सारे एहतियाती कदम उठा रहा है जिससे इस बीमारी को फैलने कसे रोका जा सके.
कोरोना काल में बर्डफ्लू का खतरा बढ़ गया है और अब इसको लेकर सरकारों के सामने नई चुनौती हैं. राजस्थान के झालावाड़ में मोर की भी मौत की खबर आई है. इसके अलावा बारां में भी बर्डफ्लू की पुष्टि हो चुकी है. प्रशासन सारे एहतियाती कदम उठा रहा है जिससे इस बीमारी को फैलने कसे रोका जा सके.
राजस्थान के झालावाड़ में आधा दर्जन राष्ट्रीय पक्षी की मौत का मामला सामने आया है. इसके साथ ही 37 कौवों सहित 53 पक्षियों की मौत हुई है. जिले में अब तक कुल 198 पक्षियों की मौत हो चुकी है.
केरल में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मंगलवार को मारना शुरू कर दिया गया जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फ्लू के मामले रिपोर्ट होने के बाद जम्मू कश्मीर ने अलर्ट घोषित कर दिया है और प्रवासी पक्षियों के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं. केरल में पक्षियों के संक्रामक रोग के प्रकोप के बाद पड़ोसी कर्नाटक और तमिलनाडु ने निगरानी बढ़ा दी है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं. केरल में फ्लू के कारण करीब 1700 बत्तखों की मौत हो गई है. मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के रेसीडेंसी क्षेत्र में आठ दिन पहले मृत कौओं में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस की पुष्टि होने के बाद अब तक शहर में इसी प्रजाति के 155 पक्षी मरे पाए गए हैं. राजस्थान में झालावाड़ के बाद कोटा और बारां के पक्षियों में भी संक्रमण पाया गया है.
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में दस्तक दे चुके बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड ने भी मंगलवार को अलर्ट जारी किया है. प्रदेश के मुख्य वन्यजीव सरंक्षक जेएस सुहाग ने बताया कि हांलांकि, राज्य में अब तक किसी पक्षी की मौत का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है लेकिन प्रदेश के सभी वन प्रभागों को बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट रहने और सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को आसन रिजर्व, झिलमिल झील, नानक सागर बांध और अन्य जगहों पर सतर्कता बरतने को कहा गया है.
मध्यप्रदेश के इंदौर में कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद मंदसौर और आगर मालवा जिलों के कौवों के नमूनों में भी एच5एन8 संक्रमण पाया गया है. इनके अलावा, प्रदेश के सात अन्य जिलों में मरे कौवों के नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है. मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 10 जिलों में 23 दिसम्बर से अब तक कौवों की मौत का आंकड़ा लगभग 400 पहुंच गया है. हालांकि, प्रदेश सरकार का कहना है कि मुर्गा और अंडे खाने से मानव स्वास्थ्य को खतरा नहीं है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के विभिन्न राज्यों तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में एवियन इन्फ्लूएंजा से कौवों की मौत तथा पक्षियों के मरने की अन्य घटनाओं के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि घना बर्ड सेंचुरी, विभिन्न अभयारण्य, सांभर झील सहित अन्य वेटलैंड और तमाम ऐसे स्थान जहां पक्षी अधिक पाए जाते हैं, वहां ऐसी घटनाओं पर विशेष निगरानी रखी जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पक्षी की मौत होने पर उसका नमूने की जांच के लिए लैब में भेजा जाए और वैज्ञानिक विधि से मृत पक्षियों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए. गहलोत मंगलवार शाम इस सम्बन्ध में पशुपालन, चिकित्सा, वन तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समीक्षा कर रहे थे.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों को बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को अलर्ट कर नमूनों को जांच के लिये भेज दिया गया जबकि केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा के पंचकूला जिले की फर्म में बीते 10 दिन के दौरान चार लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जालंधर की स्थानीय रोग जांच प्रयोगशाला की एक टीम ने पक्षियों के नमूने एकत्रित कर लिये हैं.


 


वहीं, केरल में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मंगलवार को मारना शुरू कर दिया गया जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फ्लू के मामले रिपोर्ट होने के बाद जम्मू कश्मीर ने अलर्ट घोषित कर दिया है और प्रवासी पक्षियों के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं.


 


केरल में पक्षियों के संक्रामक रोग के प्रकोप के बाद पड़ोसी कर्नाटक और तमिलनाडु ने निगरानी बढ़ा दी है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं. केरल में फ्लू के कारण करीब 1700 बत्तखों की मौत हो गई है. मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के रेसीडेंसी क्षेत्र में आठ दिन पहले मृत कौओं में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस की पुष्टि होने के बाद अब तक शहर में इसी प्रजाति के 155 पक्षी मरे पाए गए हैं. राजस्थान में झालावाड़ के बाद कोटा और बारां के पक्षियों में भी संक्रमण पाया गया है.


 


महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है. महाराष्ट्र की सीमा मध्य प्रदेश से लगती है. हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने प्रदेश में पोल्ट्री पक्षियों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को कांगड़ा जिले के पोंग डैम लेक अभयारण्य के आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया. इससे एक दिन पहले मृत प्रवासी पक्षियों के नमूनों में एच5एन8 पाया गया था.


 


हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं. उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम में प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया. दोनों जिलों से भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के एक दिन बाद यह अभियान शुरू किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन द्वारा गठित त्वरित प्रतिक्रिया दल ने सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत मंगलवार सुबह से दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर की परिधि में बत्तखों, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने की कार्रवाई शुरू कर दी.


 


अलप्पुझा जिला प्रशासन ने कहा कि कुट्टनाड क्षेत्र की चार पंचायतों नेदुमुदी, तकाजी, पल्लिप्पद और करुवत्ता में अभियान शुरू किया गया, जिसके बुधवार शाम तक पूरा होने की संभावना है. इन्हीं इलाकों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. एक अधिकारी ने कहा कि अकेले करुवत्ता पंचायत क्षेत्र में ही करीब 12,000 पक्षियों को मारा जाएगा. प्रशासन के मुताबिक, कोट्टायम जिले की प्रभावित नींदूर पंचायत में अब तक करीब 3,000 पक्षियों को मारा जा चुका है.


 


नींदूर के एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू के कारण करीब 1,700 बत्तखों की मौत हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक, वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए कुट्टनाड क्षेत्र में ही करीब 40,000 पक्षियों को मारा जाएगा. हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है, क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है. अलप्पुझा के जिलाधिकारी ने कुट्टनाड और कार्थिकपल्ली तालुकाओं में मुर्गी और बत्तख समेत अन्य घरेलू पक्षियों के मांस, अंडों आदि की बिक्री और कारोबार पर रोक लगा दी है.


 


मध्य प्रदेश के इन्दौर में बर्ड फ्लू की आहट 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत पाए गए थे. इनमें से दो कौओं के नमूने की भोपाल की एक प्रयोगशाला में जांच कराई गई तो इनमें एच5एन8 की पुष्टि हुई थी. मध्य प्रदेश के पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक प्रमोद शर्मा ने मंगलवार को बताया, “पिछले आठ दिन के दौरान हमें रेसीडेंसी क्षेत्र के आस-पास कुल 155 कौए मरे मिले हैं. हमें लगता है कि इनकी मौत भी बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस से हुई है क्योंकि इस इलाके के मरे कौओं में इस बीमारी की पुष्टि पहले ही हो चुकी है.”


 


उन्होंने बताया, “शहर में अब तक कौओं के अलावा किसी भी अन्य प्रजाति के पक्षी में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है.” शर्मा ने बताया कि शहर के अलग-अलग इलाकों से 120 जीवित मुर्गे-मुर्गियों और सिरपुर तालाब क्षेत्र के 30 प्रवासी पक्षियों की बीट के नमूने लेकर इन्हें बर्ड फ्लू की जांच के लिए भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजा गया है. इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.


 


मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रेसीडेंसी क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण जारी है, लेकिन अब तक किसी भी मनुष्य में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है. पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बीच जम्मू-कश्मीर ने भी अलर्ट जारी किया है. साथ ही सर्दियों के मौसम में केंद्र शासित प्रदेश में आए मेहमान पक्षियों की जांच के लिए नमूने एकत्र करने शुरू कर दिए हैं.


 


जम्मू- कश्मीर में अधिकारियों ने बताया कि पशुपालन एवं वन्यजीव विभाग के संयुक्त दलों ने मंगलवार को जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर स्थित घराना वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का दौरा किया और जांच के वास्ते 25 पक्षियों के नमूने एकत्र किए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई पक्षी घातक वायरस की चपेट में तो नहीं है?


 


तमिलनाडु सरकार ने पड़ोसी राज्य केरल में बर्ड फ्लू का प्रकोप होने के बाद मंगलवार को अंतरराज्यीय सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है तथा इससे मनुष्यों के प्रभावित होने के संभावित मामलों से निपटने के लिए आकस्मिक योजना की घोषणा की है. तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘एवियन इन्फ्लुएंजा तेजी से फैलता है और मनुष्यों के भी इससे प्रभावित होने की आशंका होती है. इसलिए एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने आकस्मिक योजना तैयार की है.’’ कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र से लगने वाली सीमा पर स्थित जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं. राजस्थान के अधिकारियों ने बताया कि कोटा और बांरा जिलों के पक्षियों के नमूनों के जांच परिणामों में भी एवियन इंफ्लूएंजा पाया गया है.


 


राज्य के कृषि और पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य के तीन जिलों--झालावाड़, कोटा और बारां-- में एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण पाया गया है और वायरस अन्य जगहों पर भी फैल रहा है जो चिंता का विषय है. अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों में मंगलवार सुबह तक पक्षियों की मौत का आंकड़ा 625 पहुंच गया. 11 जिलों के 86 नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है.

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