मुंबईः महाराष्ट्र में नंदूरबार के नवापुर में मौजूद कई पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद यहां राज्य का सबसे बड़ा पक्षियों को मारने का आॉपरेशन शुरू किया गया है. इस इलाके में एक किलोमीटर के अंदर मौजूद करीब 10 पोल्ट्री फार्म में करीब 5 लाख पक्षियों को मारने की तैयारी की जा रही है. जानकारों के मुताबिक इस किलिंग ऑपरेशन की वजह से इसके व्यवसायियों को करोड़ो का नुकसान होने की बात कही जा रही है साथ ही इस कारण हजारों लोगों को बेराजगारी का सामना करना पड़ सकता है.


नवापुर में चार पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के मरने और उनके मरने की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पॉजिटिव रिपोर्ट पायी गयी है. जिसकी वजह से ये बीमारी और न बढ़ सके इसके लिये ये किलिंग ऑपरेशन शुरू किया गया है. इस किलिंग ऑपरेशन के लिए देश भर से करीब 200 पशुचिकित्सा विभाग के कर्मचारियों की टीम बुलायी गयी है.


डेढ़ लाख मुर्गियों को मारने का प्लान


कर्मचारियों की ये टीम पहले 34 हजार मुर्गियों को मारने का काम करेंगे. इसके बाद चिकित्सा कर्मचारियों की संख्या बढ़ने के बाद एक दिन में करीब 70 हजार मुर्गियों को नष्ट किया जायेगा. पहले 4 पोल्ट्री फार्म के डेढ़ लाख मुर्गियों को मारने की प्लान बनाया गया है उसके बाद इसके पास एक किलोमीटर के अंदर मौजूद अन्य पोल्ट्री फार्म के 4 लाख 90 हजार मुर्गियों को मारने की तैयारी है.


नंदूरबार के जिलाअधिकारी के मुताबिक बर्ड फ्लू की वजह से शुरू किये जा रहे इस कीलिंग ऑपरेशन के तहत पहल चरण में करीब 6 लाख मुर्गियों को नष्ट्र करने की तैयारी है और दूसरे चरण में करीब 3 लाख मुर्गियों को नष्ट्र किया जायेगा जिसकी प्रक्रिया चल रही है.


नुकसान की भरपाई करे सरकार


व्यवसायियों की मांग है कि सरकार उनके नुकसान की भरपाई करे. इन व्यवसायियों के मुताबिक सिर्फ नवापुर के पोल्ट्री फार्म व्यवसायियों को करीब 15 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा. व्यवसायियों के मुताबिक हमें जो किलिंग रेट दिया जा रहा है वो 9 रूपये एक मुर्गी पर दिया जा रहा है, जब कि एक चूजा ही हमें 40 रूपये का पड़ता है, फिर हम उसे खिलाते हैं और पालकर बड़ा करते हैं, सरकार की तरफ से दिया जा रहा रेट बहुत कम है जिसकी वजह करोड़ो का नुकसाल हो रहा है. साथ ही पोल्ट्री फार्म में जो रा मेटेरियल है उसे क्यों जलाया जा रहा है .


जानकारों के मुताबिक पूरे महाराष्ट्र में करीब 10 हजार पोल्ट्री फार्म हैं, जिनमें करीब ढाई करोड़ चूजों की हर महीने खपत होती है. महाराष्ट्र के पोल्ट्री फार्म से निकले अंडों और चिकेन की सप्लाई गुजरात और मध्यप्रदेश में भी होती है.


इस किलिंग ऑपरेशन का असर पूरे महाराष्ट्र के पोल्ट्री फार्म व्यवसाइयों पर पड़ने वाला है. हम आपके बता दे की साल 2006 में भी बर्ल्ड फ्लू की वजह से महाराष्ट्र के तमाम पोर्ल्टी फार्म को भारी नुकसान उठा पड़ा था.


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