Bird Flu: क्या होता है बर्ड फ्लू और कितना है खतरनाक? हिमाचल, एमपी, केरल सहित इन 5 राज्यों में संक्रमण फैला
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है. ये वायरल संक्रमण है. बर्ड फ्लू की कई किस्में हैं. लेकिन एवियन इन्फ्लुएंजा की सबसे आम शक्ल पक्षियों तक सीमित होती है. ये पक्षियों के लिए खतरनाक होता है और संपर्क में आनेवाले इंसानों और जानवरों को आसानी से संक्रमित कर सकता है.
कई राज्यों में सैंकड़ों पक्षियों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू के कारण से सरकारों की चिंता बढ़ गई है. पंजाब, मध्य प्रदेश और झारखंड ने बीमारी को लेकर एलर्ट जारी किया है. पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद एक बार फिर बीमारी ने गंभीरता को नए सिरे से समझने का मौका दिया है.
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है. ये वायरल संक्रमण है जो न सिर्फ पक्षियों को संक्रमित करता है बल्कि इंसानों के अलावा अन्य जानवरों को भी चपेट में लेता है. हालांकि, बर्ड फ्लू की कई किस्में हैं. लेकिन एवियन इन्फ्लुएंजा की सबसे आम शक्ल पक्षियों तक सीमित होती है. ये पक्षियों के लिए खतरनाक होता है और संपर्क में आनेवाले इंसानों और जानवरों को आसानी से संक्रमित कर सकता है.
फिलहाल, इंसानों से इंसानों तक वायरस के फैलने की पुष्टि नहीं हुई है. फिर भी, कुछ विशेषज्ञों की चिंता महामारी के खतरो को लेकर है. वायरस में समय की विस्तारित अवधि के लिए जीवित रहने की क्षमता होती है. संक्रमित पक्षी मल और लार में 10 दिनों तक वायरस छोड़ता रहता है और दूषित सतह के छूने से संक्रमण फैल सकता है.
इन राज्यों में बीमारी से पक्षियों की मौत के मामले
राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल ने सोमवार को बर्ड फ्लू की पुष्टि की. सैंकड़ों पक्षियों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू को कारण माना गया. उसके बाद पंजाब, मध्य प्रदेश और झारखंड समेत कई राज्यों ने बीमारी का एलर्ट जारी किया. सोमवार को मुख्य वन संरक्षक, धर्मशाला, उपासना पाटियाल ने बताया किया कि हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के पोंग डैम जलाशय के पास 2300 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई. एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने जिले के कई इलाकों में पॉल्ट्री के मारने, खरीद और बिक्री को बैन कर दिया. पशुपालन विभाग को बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए रिस्पॉन्स टीम का गठन करने का आदेश दिया गया.
केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम में भी बीमारी से 12 हजार बत्तखों की जान चली गई. वन, वन्यजीव और पशुपालन मंत्री के राजू ने पुष्टि की कि मौत के पीछे बर्ड फ्लू कारण था. अधिकारियों को दोनों जिलों के एक किलोमीटर की परिधि में आनेवाले सभी पक्षियों को मारने का आदेश दिया गया. उन्होंने बताया कि बीमारी को आगे फैलने से रोकने के लिए 36 हजार पक्षियों को मारा जाएगा. राजस्थान के झालावाड़, जयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर और दौसा जिले में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई. सोमवार तक बीमारी से मरनेवालों पक्षियों में ज्यादातर कौओं की संख्या थी.
H5N8 प्रकोप को लेकर इन राज्यों में एलर्ट जारी
मध्य प्रदेश ने एवियन इन्फ्लुएंजा H5N8 प्रकोप को लेकर एलर्ट जारी किया. पिछले एक सप्ताह के दौरान 160 कौओं और इंदौर में दो बगुले की मौत के मामले उजागर हुए थे. हर जिले में पशु पालन विभाग के अधिकारियों को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया गया. झारखंड सरकार ने 24 जिलों में अधिकारियों को स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया और आपात परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए जरूरी उपाय करने को कहा.
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