नई दिल्लीः आज महान संत कबीर दास की जयंती है. हर साल प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास में पूर्णिमा तिथि को उनकी जयंती मनाई जाती है. उनकी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद करते हुए लिखा कि महान संत कबीर दास ने न सिर्फ सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया बल्कि दुनिया को मानवता और प्रेम का पाठ भी पढ़ाया.


पीएम मोदी का संदेश


पीएम मोदी ने लिखा, ''संत कबीर दास जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. उन्होंने न केवल सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया, बल्कि दुनिया को मानवता और प्रेम का संदेश दिया. उनका दिखाया मार्ग हर पीढ़ी को भाईचारा और सद्भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.''


सन् 1398 में जन्म


माना जाता है कि कबीर दास का जन्म सन् 1398 में हुआ. कबीर दास ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में अपना जीवन लोगों के लिए समर्पित कर दिया. इनकी मृत्यु सन् 1518 में मगहर में हुई.


कबीर दास के दोहे


बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय.
जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय.


बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर.
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर.


ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये.
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए.


सरल भाषा में लिखते थे दोहे


कबीर दास जी ने अपने दोहे बहुत ही सरल भाषा में लिखे थे. यही कारण है कि इनके दोहे का प्रभाव लोगों के ऊपर व्यापक तौर पर पड़ा. आज भी कबीर दास के दोहे जीवन को जीने की राह बताते हैं.