नई दिल्ली: भारत रत्न सितार वादक पंडित रविशंकर के जन्म दौरान उनका नाम रविंद्र शंकर चौधरी था. आज इस संगीत सम्राट का जन्मदिन है. आज ही के दिन यानी 7 अप्रैल, 1920 में पंडित रविशंकर का जन्म वाराणसी में हुआ था. भारतीय संगीतकार होने के नाते हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान अमर है. उन्होंने पूरे विश्व को अपनी संगीत कला से प्रभावित किया है.


अपनी संगीत शिक्षा के दौरान उन्होंने ध्रुपद, धमार और ख्याल के साथ-साथ रूद्र वीणा, रुबाब और सुरसिंगार जैसे संगीत शैलियों का अध्ययन किया. रविशंकर ने 1939 में सार्वजनिक रूप से अपना प्रदर्शन शुरू किया. इसकी शुरुआत उन्होंने सरोद वादक अली अकबर खान के साथ जुगलबंदी के साथ की. उन्होंने 25 साल की उम्र में लोकप्रिय गीत 'सरे जहां से अच्छा' को फिर से संगीतबद्ध किया.


पंडित रविशंकर ने दुनिया भर में अपना प्रदर्शन दिया. उनका संगीत देश की सरहदों का कभी मोहताज नहीं रहा. भारत के साथ-साथ विदेशों में भी उनके संगीत को खास अहमियत दी गई थी. उन्होंने तीन बार 'ग्रेमी' जैसे विश्व संगीत जगत में दिए जाने वाले सबसे प्रसिद्ध अवॉर्ड को अपने नाम किया. आइए इस संगीत संम्राट की 98वीं जयंती पर उनके महान संगीत को एक बार फिर से जी लेते हैं.



अपनी जिंदगी में उन्होंने आल इंडिया रेडियो के लिए भी अपनी सेवा दी. 1949 से 1956 पंडित रविशंकर आकाशवाणी के लिए म्यूजिक डायरेक्शन भी किया. देश की सबसे बड़ी पंचायता यानी संसद में भी इस संगीतकार ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. वे 1986 से 1992 तक राज्यसभा के सांसद भी रहे. बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले इस महान कलाकार को साल 1999 में देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया.