भारतीय मानक ब्यूरो ने की Amazon और Flipkart के वेयरहाउस पर छापेमारी, जब्त किया ये सामान
BIS के डिप्टी डायरेक्टर हरमोहनजीत सिंह पसरीचा ने बताया कि पहले उन विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई, जो Amazon और Flipkart पर बिना सर्टिफिकेट के प्रोडक्ट बेच रहे थे.

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हाल ही में Amazon और Flipkart के वेयरहाउस पर छापा मारा, जिसमें बिना ISI मार्क वाले और फर्जी ISI मार्क के हजारों प्रोडक्ट जब्त किए गए. BIS के डिप्टी डायरेक्टर हरमोहनजीत सिंह पसरीचा ने ABP न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि पिछले छह महीनों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिकने वाले प्रोडक्ट्स की निगरानी की जा रही थी.
उन्होंने बताया कि BIS ने Amazon और Flipkart से कई प्रोडक्ट्स खरीदे और उनकी लैब टेस्टिंग करवाई, जिसमें पाया गया कि कई प्रोडक्ट्स बिना ISI सर्टिफिकेशन के बेचे जा रहे थे. इनमें वाटर बॉटल, खिलौने, एल्यूमिनियम फॉयल, आयरन (इस्त्री मशीन), हीटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल थे. BIS के डिप्टी डायरेक्टर हरमोहनजीत सिंह पसरीचा के मुताबिक, इसके बाद BIS ने पहले उन विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जो Amazon और Flipkart पर बिना सर्टिफिकेट के प्रोडक्ट बेच रहे थे. इन विक्रेताओं के गोदामों में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकली और बिना प्रमाणित सामान जब्त किया गया.
BIS ने Amazon और Flipkart के वेयरहाउस पर रेड की
BIS का कहना है कि जब उन्हें amazon और flipkart जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नकली प्रोडक्ट्स की जानकारी दी गई, तो उन्होंने कुछ लिस्टिंग हटा दीं लेकिन बाकी नकली प्रोडक्ट्स अब भी बिकते रहे. ऐसे में भारतीय कानून के मुताबिक, बिना ISI सर्टिफिकेट वाले या गलत ISI मार्क वाले प्रोडक्ट्स को बेचना या स्टोर करना अपराध है. इसी वजह से BIS ने Amazon और Flipkart के वेयरहाउस पर भी रेड की, जहां बड़ी मात्रा में नकली ISI मार्क वाले प्रोडक्ट्स पाए गए. छापेमारी में यह भी सामने आया कि फर्जी ISI मार्क के तहत इलेक्ट्रॉनिक सामान बाजार में बेचा जा रहा था, जिससे ग्राहकों को ठगा जा रहा था.
ऐसे जान सकते हैं सामान असली है या नकली
BIS के डिप्टी डायरेक्टर हरमोहनजीत सिंह पसरीचा ने बताया कि अगर किसी उपभोक्ता को यह जांचना हो कि उसका खरीदा हुआ प्रोडक्ट असली है या नकली तो वह BIS केयर ऐप का इस्तेमाल कर सकता है. इस ऐप को Google Play Store या Apple App Store से डाउनलोड किया जा सकता है. ऐप में ISI नंबर दर्ज करने पर प्रोडक्ट की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी. अगर जानकारी नहीं मिलती तो यह संभव है कि प्रोडक्ट नकली हो. इसके अलावा BIS केयर ऐप में उपभोक्ता नकली प्रोडक्ट की शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं. BIS की यह कार्रवाई उपभोक्ताओं को सुरक्षित और प्रमाणित उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए जारी रहेगी.
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