Bitcoin Scam: बिटकॉइन स्कैम को लेकर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने 14 फरवरी 2024 को मुंबई की स्पेशल कोर्ट पीएमएलए में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने अपनी चार्जशीट सिंपी भारद्वाज उर्फ शिल्पी गौर, नितिन गौड़ निखिल महाजन और संदीप कुमार के खिलाफ की थी. इस चार्जशीट पर अदालत ने 23 फरवरी 2024 को संज्ञान लिया था.


एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट द्वारा दायर चार्टशीट के मुताबिक, उसने अपनी जांच बिटकॉइन स्कैम में महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर शुरू की थी. ये एफआईआर एम/एस वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड, अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिंपी भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और कई मल्टी लेवल मार्केटिंग एजेंट के खिलाफ दर्ज थी.


जनता को दिया गया मोटा लालच


ईडी के मुताबिक, बिटकॉइन का यह पूरा स्कैम करीब 6,600 करोड़ रुपये का था, जिसमें जनता को बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर हर महीने 10 फीसदी मुनाफे का मोटा लालच दिया गया था. मनी लॉन्ड्रिंग में शुरू की गई अपनी जांच में ईडी ने मामले से जुड़े कई लोगों के प्रेमिसेस में सर्च ऑपरेशन किया. इस सर्च ऑपरेशन के दौरान ईडी को दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड्स, प्रॉपर्टीज से जुड़े कागजात और महंगी गाड़ियां, जिनमें मर्सिडीज़ GLS 350D और ऑडी Q3 मिली थीं, जिन्हें ईडी ने जब्त किया था.


ईडी के मुताबिक, इस सकैम के मुख्य साजिशकर्ता अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज थे, जो ईडी की छापेमारी के दौरान घर से भागने में कामयाब हो गए थे. इन दोनों को भागने में अजय भारद्वाज की पत्नी सिंपी भारद्वाज ने मदद की थी.


ईडी ने इस मामले में सिंपी भारद्वाज, नितिन गौर और निखिल महाजन नाम के तीन शख्स को गिरफ्तार किया था. ईडी की जांच में सामने आया था कि अमित भारद्वाज और उसकी पत्नी सिंपी भारद्वाज और कुछ एमएलएम एजेंट्स इन्वेस्टर्स ने मोटे रिटर्न का लालच देकर धोखाधड़ी और फ्रॉड कर रहे थे, जिसके लिए इन्होंने दुबई और मकाऊ में 2017 और 2018 में प्रमोशन इवेंट भी किए गए थे. इस इवेंट में भोले-भाले इन्वेस्टर को Gain bitcoin जैसी पूंजी स्कीम में पैसा लगाने के झूठे फायदे बताए गए और लालच दिया गया.


ईडी की जांच में सामने आया की प्रोसीड ऑफ क्राइम का पैसा नितिन गौर के क्रिप्टो अकाउंट में आया था. इस एकाउंट को बाइनेंस एक्सचेंज पर खोला गया था. इस क्रिप्टो अकाउंट को नितिन गौर का साला और इस मामले का आरोपी अजय भारद्वाज ऑपरेट कर रहा था. अजय भारद्वाज इस सकैम के मुख्य आरोपी अमित भारद्वाज का भाई है. इस दौरान ईडी ने कई हवाला ऑपरेटर के यहां सर्च ऑपरेशन किया जो गेन बिटकॉइन स्कैम के प्रमोटर से जुड़े हुए थे.


ईडी को जांच में पता चला की इन क्रिप्टो करेंसी जिनमें बिटकॉइन ईथेरियम, यूएसडीटी और ट्रोन जैसी क्रिप्टो करेंसी शामिल थे. इन्हें हवाला ऑपरेटर इस्तेमाल हवाला ट्रांजैक्शन कर रहे थे जो कि देश और विदेश में की गई थी. यह ट्रांजैक्शन जिन अकाउंट से की गई थी वह गेन बिटकॉइन प्रमोटर से जुड़े हुए थे. इतना ही नहीं आरोपियों ने बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरंसी को भारतीय मुद्रा में भी कन्वर्ट करवा लिया था.


इतना ही नहीं, प्रोसीड ऑफ क्राइम के पैसों को विदेश की कई कंपनी में ट्रांसफर किया गया और उस पैसे से विदेश में कई प्रॉपर्टीज खरीदी गई. इस मामले में मुख्य आरोपी अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज अभी भी फरार चल रहे हैं. जबकि अमित भारद्वाज की साल 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट अब तक इनकी 69 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच कर चुकी है.


कैसे आया था राज कुंद्रा का नाम?


ईडी के मुताबिक स्कैम के मुख्य आरोपी अमित भारद्वाज ने शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फार्म खोलने के लिए 285 बिटकॉइन दिए थे. इन बिटकॉइन की कीमत उस वक़्त करीब 150 करोड़ रुपये थी. लेकिन इनके बीच डील किसी वजह से पूरी नहीं हो सकी और बिटकॉइन राज कुंद्रा के पास ही रह गए थे. अमित भारद्वाज ने जो 285 बिटकॉइन राज कुंद्रा को दिये थे वो इसी फर्जीवाड़े का पैसा था.


इसके बाद ईडी ने राज कुंद्रा की करीब 97.79 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति अटैच की थी. इन प्रॉपर्टीज में शिल्पा शेट्टी के नाम पर जुहू स्थित एक फ्लैट, पुणे स्थित बंगला और राज कुंद्रा के नाम पर इक्विटी शेयर्स शामिल थे.


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