नई दिल्ली: बीजू जनता दल के सांसद तथागत सतपथी ने राजनीति से संन्यास ले लिया है. वे चौथी बार ओडिशा के ढेंकेनाल से एमपी चुने गए थे. राजधानी भुवनेश्वर में सतपथी ने इस फैसले का एलान किया. उन्होंने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं को पॉलिटिक्स में रिटायर हो जाना चाहिए.


सतपथी ने कहा कि आगे अब वे पत्रकारिता करेंगे. वह ओडिशा के मशहूर न्यूज़ पेपर धरित्री के वे मालिक भी हैं. ओडिशा पोस्ट नाम से एक अंग्रेज़ी अख़बार भी उनकी कंपनी से प्रकाशित होता है. सतपथी ओडिशा की पूर्व मुख्य मंत्री नंदिनी सतपथी के बेटे हैं.


बीजेडी के दो सांसदों वैजयंत पांडा और तथागत सतपथी का झगड़ा पिछले साल ख़ूब चर्चा में रहा. पांडा बीजेडी छोड़ कर इसी हफ़्ते बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से पांडा की नहीं बनी. पटनायक की ओर से सतपथी ही लगातार पांडा पर हमले करते रहे. उन पर पार्टी के ख़िलाफ़ काम करने के आरोप लगे. आख़िरकार पिछले साल पांडा को बीजेडी से निलंबित कर दिया गया. लेकिन इसी दौरान नवीन पटनायक और तथागत सतपथी में भी दूरियाँ बढ़ती गईं .


कहा जाता है कि पटनायक ने इस बार सतपथी का टिकट काटने का मन बना लिया था. इस बात की भनक सतपथी को भी लग चुकी थी. इसीलिए सांप भी मर जाए और लाठी न टूटे के फ़ार्मूले पर उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया. नवीन पटनायक और तथागत सतपथी में एक बार पहले भी अनबन हो चुकी है. पटनायक की फ़ेवरिट लिस्ट से वे बाहर कर दिए गए थे. लेकिन बाद में सतपथी ने उनसे अपने रिश्ते सुधार लिए थे. फिर पटनायक ने उन्हें ढेंकेनाल से बीजेडी का उम्मीदवार बनाया और सतपथी चुनाव जीत भी गए. वे लोकसभा में पार्टी के चीफ़ व्हिप भी थे.


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