बीजेपी का आरोप, जम्मू कश्मीर पुलिस ने जावेद डार को समय पर नहीं दी सुरक्षा
Jammu Kashmir Police: आबिद ने पुलिस को चुनौती देते हुए बीजेपी से माफी मांगने और उस प्रेस रिलीज को वापस लेने की मांग उठाई जिसमें सुरक्षा की मांग न होने की बात कही गई.
Jammu Kashmir Police: क्या कुलगाम में बीजेपी कार्यकर्ता पुलिस की लापरवाही से मारा गया? ऐसा इसलिए बोला जा रहा है क्योंकि बीजेपी ने जम्मू कश्मीर पुलिस पर बीजेपी विधानसभा क्षेत्र प्रभारी जावेद डार को समय पर सुरक्षा ना देने का आरोप लगाया है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने पहले कहा था कि बीजेपी ने मृतक नेता के लिए सुरक्षा नहीं मांगी थी. पुलिस के दावे को झूठा बताते हुए बीजेपी के कुलगाम के जिला अध्यक्ष आबिद हुसैन खान का कहना है कि 10 अगस्त को पार्टी ने कुलगाम के एसएसपी को एक चिठ्ठी लिखकर पार्टी से जुड़े 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा की मांग की थी. सबूत के तौर पर आबिद ने वह चिठ्ठी भी दिखाई, जिसमें मारे गए जावेद अहमद डार का नाम पांचवें नंबर पर है.
आबिद ने पुलिस को चुनौती देते हुए बीजेपी से माफी मांगने और उस प्रेस रिलीज को वापस लेने की मांग उठाई जिसमें सुरक्षा की मांग न होने की बात कही गई. उन्होंने कहा, 'अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो पुलिस मुझे गिरफ्तार करे लेकिन अगर पुलिस ने अपनी गलती नहीं मानी तो मैं उनके खिलाफ काले झंडे लेकर प्रदर्शन करूंगा. अगर शनिवार तक पुलिस ने माफी नहीं मांगी तो रविवार को कुलगाम में बंद के साथ साथ काले झंडे लेकर बीजेपी पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.'
श्रद्धांजलि देने पहुंचे निर्मल सिंह
वहीं आज पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री निर्मल सिंह भी कुलगाम के बर्जालू गांव में मृतक जावेद के घर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे. निर्मल सिंह ने हत्या की निंदा करते हुए सभी पार्टी के जुड़े नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा की मांग की. वहीं श्रीनगर में बात करते हुए डीजीपी दिलबाग सिंह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या को चिंता की बात बताते हुए कहा कि सब पार्टियों के अधिकांश लोगों को सुरक्षा प्रदान की है. कुछ बिना सुरक्षा के हैं. कुछ ने सुरक्षा नहीं मांगी है और कई के लिए सुरक्षा प्रदान करने की कार्यवाही जारी है.
डीजीपी ने कहा कि पिछले दिनों सुरक्षा के बावजूद कुछ नेता कभी-कभी निजी काम पर बिना सुरक्षा के निकल जाते हैं और जावेद अहमद डार भी ऐसे ही एक नेता है लेकिन हम फिर से सुरक्षा की समीक्षा करेंगे. पिछले दो सालों में जम्मू कश्मीर में बीजेपी के 23 नेता और कार्यकर्ता आतंकियों की गोली का निशाना बने हैं और इनमें से 9 अकेले कुलगाम जिले में मारे गए हैं. इसलिए बीजेपी के नेता इस मामले में गहन जांच की मांग कर रहे है.
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