दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार केंद्र की मोदी सरकार पर जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन ना देने का आरोप लगा रही है तो केंद्र सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि दिल्ली को उसकी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन दी जा रही है. इस सबके बीच दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली में हो रही ऑक्सीजन की किल्लत के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया है.
दिल्ली बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने तो आंकड़ों के जरिए बताने की कोशिश भी की कि दिल्ली में हर एक मरीज के लिए देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में लगभग दोगुनी ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है. ऐसे में अभी भी ऑक्सीजन संकट क्यों बना हुआ है. इस पर केजरीवाल सरकार को जवाब देना चाहिए. बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से दिल्ली की जनता से माफी मांगने की मांग भी की और दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान जाने का आरोप भी लगाया.
बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई जांच और आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने और सीएम केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की.
बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने आंकड़ों के जरिए केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े किए. प्रवेश वर्मा ने कहा कि अगर 1 मई के आंकड़ों को देखें तो इस हिसाब से दिल्ली को प्रति मरीज करीबन 61 लीटर ऑक्सीजन मुहैया कराई गई. क्योंकि दिल्ली में 1 मई को करीब 97,000 कोरोना संक्रमण के मरीज थे जबकि ऑक्सीजन मुहैया कराई गई 590 मेट्रिक टन. वहीं देश के बाकी राज्यों की तस्वीर पेश करते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली की तुलना में बाकी सभी राज्यों को प्रति मरीज कम ऑक्सीजन ही दी गई है. उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र को प्रति मरीज करीबन 28 लीटर ऑक्सीजन, हरियाणा को प्रति मरीज करीबन 25 लीटर ऑक्सीजन, केरल को प्रति मरीज करीबन 6 लिटर ऑक्सीजन दी गई. ऐसे में आखिर दिल्ली में ऑक्सीजन की इतनी किल्लत क्यों बनी हुई है. क्यों नहीं मरीजों को ऑक्सीजन मिल पा रही है.
बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लगातार आगाह करती रही पर दिल्ली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक ऑक्सीजन दिए जाने के बाद उसको लाने के लिए टैंकर तक नहीं था. बीजेपी नेताओं का कहना है कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही ऑक्सीजन को मंगा तक नहीं पा रही थी. हालत ये थी कि दिल्ली सरकार अपने पास से सिर्फ 4 टैंकर का इंतज़ाम ही कर पाई, जिसके बाद केंद्र ने केंद्र ने 17 और टैंकर लेकर दिल्ली की मदद की और उसी के बाद दिल्ली को ऑक्सीजन सही से मिलने शुरू हो पाई.
प्रवेश वर्मा ने कहा कि बाकी राज्यों के कोटे से दिल्ली को ऑक्सीजन दी जा रही है. बीजेपी नेताओं ने सवाल पूछा कि आखिर ये ऑक्सीजन जा कहां रही थी. बीजेपी नेताओं ने आम आदमी पार्टी के सांसद, मंत्री और विधायक पर ऑक्सीजन की जमाखोरी का आरोप भी लगाया.
बीजेपी के द्वारा लगाए गए इन आरोपों पर जब आम आदमी पार्टी से प्रतिक्रिया की कोशिश की तो फिलहाल अभी तक कोई आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. इस सबके बीच दिल्ली सरकार की तरफ से लगातार यही कहा जा रहा है कि केंद्र की तरफ से दिल्ली को उसकी मांग के मुताबिक 70MT ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. बीच में एक दिन जरूर ऐसा था जब सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली को उसकी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मिली थी. वरना उसके अलावा आज की तारीख तक भी वह अक्सीजन नहीं मिल रही.
आज भी ऑक्सीजन बुलेटिन जारी कर दिल्ली सरकार की तरफ से यही बताया गया कि दिल्ली को उसकी मांग 700MT से 499 मेट्रिक टन ऑक्सीजन ही उपलब्ध करवाई गई. यानी मांग का 71 फीसदी. यानी कुल मिलाकर दिल्ली में अभी भी ऑक्सीजन को लेकर सवाल-जवाब और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है और दिल्ली की जनता अभी भी ऑक्सीजन की कमी से परेशान हो रही है.