नई दिल्ली: बीजेपी ने शनिवार को पंजाब की कांग्रेस सरकार के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों को निजी अस्पतालों को ‘‘बेचने’’ और इससे कथित तौर पर मुनाफा कमाने के मामले की जांच की मांग की और कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.


केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा और कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से जारी एक विवादास्पद आदेश से साफ है कि ‘‘दाल में कुछ काला’’ है.


38 करोड़ रुपये तक मुनाफा कमाने में जुटी हुई कांग्रेस- हरदीप सिंह पुरी


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि, वे टीकों की आपूर्ति को लेकर मोदी सरकार पर हमले करते हैं और सवाल उठाते हैं लेकिन उनकी ही पार्टी शासित पंजाब में निजी अस्पतालों को टीकों की खुराक बेचकर 38 करोड़ रुपये तक मुनाफा कमाने में जुटी हुई है. जबकि राजस्थान में कूड़ों की ढेर में टीके मिले हैं.


पुरी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सरकार को मुनाफा कमाना बंद करना चाहिए. सच्चाई सामने लाने के लिए मामले की जांच की जानी चाहिए.’’ उन्होंने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि मुनाफे की राशि किस कोष में गई है और उस कोष का स्वामित्व किसके पास है.


निजी अस्पतालों को 1,000 रुपये में बेच रहे खुराक- हरदीप सिंह पुरी


पंजाब सरकार के एक आदेश का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, राज्य सरकार ने 309 रुपये की दर से कोविशील्ड की एक खुराक की खरीदी की और उसे निजी अस्पतालों को 1,000 रुपये में बेचे और अस्पतालों ने लाभार्थियों से 1,560 रुपये वसूले.


उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि मोहाली के दो निजी अस्पतालों ने कोविड टीके 3,000 से लेकर 3, 200 रुपये तक में भी बेचा है. उन्होंने कहा, ‘‘ये हैरानगी की बात है.’’ कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी अंदरूनी मतभेदों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच ‘‘क्रिकेट मैच’’ खेल रही है और शीर्ष नेतृत्व ‘‘रैफरी’’ की भूमिका में हैं.


इस तरह फायदा उठाना शर्म की बात- हरदीप सिंह पुरी


कांग्रेस नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए पुरी ने कहा कि उसके नेताओं ने पहले टीकों की प्रभावोत्पादकता को लेकर सवाल उठाए और उससे पहले लैब परीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे अगुस्ता वेस्टलैंड हो चाहे बोफोर्स, यह (कांग्रेस नेता) पहले अपनी कमीशन तय करते हैं. बहुत शर्म की बात है...आपको इसमें भी फायदा कमाना है... दाल में काला था तभी तो आपने आर्डर को वापस लिया.’’


कोविड टीकों को निजी अस्पतालों को देने को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना के बाद राज्य सरकार ने संबंधित आदेश को शुक्रवार को वापस ले लिया था. बीजेपी नेता ने इस अवसर पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और दावा किया कि केंद्र सरकार ने इस साल धान व गेहूं की रिकार्ड खरीद की है और पंजाब को इसका सबसे अधिक फायदा मिला है.


कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा सेंट्रल विस्टा परियोजना की आलोचना करने पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा विधायकों के आवास के लिए सिर्फ एक परियोजना पर करोड़ों खर्च किया जा रहा है.


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