Caste Survey In UP: बीते दिनों बिहार सरकार ने जातीय सर्वेक्षण करवाया था और उसके आंकड़े जनता में जारी किए थे. इस सर्वे के बाद पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी स्थानीय पार्टियों ने सर्वेक्षण कराने की मांग तेज कर दी है. यूपी के विपक्षी दल तो जातीय जनगणना की मांग कर ही रहे हैं साथ ही एनडीए गठबंधन का हिस्सा सुभाषपा, अपना दल जैसी पार्टियां भी जातीय सर्वेक्षण कराए जाने की मांग कर रही हैं. 


हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि जातीय जनगणना कराना राज्य सरकार का काम नहीं है इसलिए वह ऐसा कुछ भी करने नहीं जा रही है. बीजेपी को पूर्वांचल की तीन ओबीसी पार्टियां (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निषाद पार्टी और अपना दल) समर्थन करती है. ये तीनों पार्टियां एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं. जातीय सर्वेक्षण जारी होने के बाद इन पार्टियां ने यूपी में भी ऐसा कराने को कहा है. 


अपना दल बोली-जातीय सर्वे कराने में क्या दिक्कत है?
अपना दल ने यूपी में जातीय सर्वेक्षण कराए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से कहा, हमारी मांग तो यही है कि यूपी में भी जातीय सर्वेक्षण कराया जाए क्योंकि इससे पिछड़ी जातियों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा. प्रमाणिक डेटा होने पर ही ऐसा संभव हो सकेगा. जातीय सर्वे वक्त की मांग है और ये जरूर किया जाना चाहिए.


सुभाषपा के भी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी सरकार को चुनौती दी है. एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे उनके लिए वह मुद्दा है जिस पर वह किसी की भी बात नहीं सुनेंगे. वह इस मुद्दे पर किसी से भी कोई समझौता नहीं करेंगे.


क्या बोलीं बसपा प्रमुख मायावती?
जातीय सर्वेक्षण को लेकर बसपा प्रमुख मायावती का भी बयान सामने आया है. मायावती ने कहा, बिहार का जातीय सर्वेक्षण जाति जनगणना को अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में पहला कदम है और यूपी में भी ऐसा ही एक सर्वे किया जाना चाहिए.


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