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मोदी सरकार के खिलाफ पक्ष बना विपक्ष, अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं होंगी शिवसेना
सांसद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इसमें शामिल नहीं होने का फैसला लेकर शिवसेना ने ये संदेश दे दिया है कि मोदी सरकार से न सिर्फ विपक्ष आहत है, बल्कि उसके सहयोगी भी उससे खुश नहीं हैं.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बड़े ही नाटकीय ढ़ंग से अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नहीं रहने का एलान किया है. शिवसेना की तरफ से कभी हां और कभी ना के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के शुरू होने से ठीक चंद मिनट पहले ये एलान किया गया कि उनके सांसद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इसमें शामिल नहीं होंगे.
नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में बीजेपी के बाद शिवसेना सबसे बड़ा दल है लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर शिवसेना और बीजेपी में आपसी झगड़े किसी से छिपे नहीं हैं. सूबे में बीजेपी की बढ़ती ताकत और एनडीए में छोटे होते अपने कद से शिवसेना परेशान है और अविश्वास प्रस्ताव में उसका शामिल ना होना उसके इसी दर्द को बयां करता है.
'हम संसदीय कार्य का वहिष्कार कर रहे हैं' शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल से जब ये सवाल किया गया किया क्या उनकी पार्टी नो कॉन्फिडेंस मोशन की डीबेट में हिस्सा लेगी तब उन्होंने कहा, "हम आज संसद के कार्य का वहिष्कार कर रहे हैं और हमने अपनी हाजिरी भी नहीं लगाई है."
#WATCH Anandrao Adsul, Lok Sabha MP from Shiv Sena on being asked whether his party will take part in #NoConfidenceMotion debate & voting says 'We are boycotting parliamentary work today and haven't even signed our attendance' pic.twitter.com/iHu3d2O7vu
— ANI (@ANI) July 20, 2018
शिवसेना के पास 18 सांसद हैं और उनका अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं होना और मोदी सरकार का समर्थन नहीं करना दरअसल बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. शिवसेना ने ये संदेश दे दिया है कि मोदी सरकार से न सिर्फ विपक्ष आहत है, बल्कि उसके सहयोगी भी उससे खुश नहीं हैं.
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
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