Amit Malviya On Akhilesh Yadav: कांवड़ यात्रा के रास्ते पर आने वाले होटलों पर उनके मालिकों के नेम प्लेट लगाने के मामले की सुनवाई आज सोमवार (22 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में हुई. अदालत ने उत्तर प्रदेश के आदेश पर रोक लगा दी. इस मामले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक नई नेम प्लेट होनी चाहिए जिसमें लिखा होगा सौहार्दमेव जयते.


अखिलेश यादव की टिप्पणी पर बीजेपी आई सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जवाब देते हुए कहा कि 2006 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार ने खानपान व्यवसाय कानून पारित किया था, तब उनको ये सलाह क्यों नहीं दी? विपक्ष में रह कर ज्ञान देना बड़ा सरल है.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है. सिर्फ खाने का प्रकार शाकाहारी और मांसाहारी साफ-साफ लिखा होना चाहिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया.






अखिलेश यादव ने की थी कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग


मुजफ्फरनगर से शुरू हुए नेम प्लेट विवाद पर कुछ दिन पहले ही अखिलेश यादव ने कहा था कि मुजफ्फरनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आखिरकार होटल, फल, ठेलेवालों को अपना नाम लिखकर दिखाने की जरूरत के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो पीठ थपथपाई है, उतने से ही जनता मानने वाली नहीं है.


उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के आदेश पूरी तरह से खारिज होने चाहिए. अदालत सकारात्मक रूप से हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन प्रशासन नहीं करेगा.  


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