मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर किए गए एक दावे से बवाल हो गया है. संजय राउत ने दावा किया है कि इंदिरा गांधी मुंबई के पायधुनी इलाके में अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने जाती थीं. संजय के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा है कि अगर ऐसा है तो वह सबूत दें. वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अंडरवर्ल्ड और कांग्रेस का रिश्ता पुराना है और इस दावे की सीबीआई जांच होनी चाहिए.


संजय राउत ने क्या कहा है?


मुंबई में एक कार्यक्रम में अपने पत्रकारिता के अनुभवों को बताते हुए संजय राउत ने कहा, ‘’आज अंडरवर्ल्ड में चिंदीगिरी होती है. हमने अंडरवर्ल्ड का वो समय देखा है, जब डॉन हाजी मस्तान मंत्रालय पहुंचता था तो लोग उसके स्वागत में बाहर आकर खड़े हो जाते थे.’’ इस दौरान उन्होंने कहा, ''देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांदी भी मुंबई के पहले डॉन करीम लाला से पायधुनी इलाके में मिलने जाती थीं.'' उन्होंने आगे कहा, ‘’मैं वो शख्स हूं जिसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को फटकार तक लगाई है.’’


संजय के बयान पर कांग्रेस ने क्या कहा?


संजय राउत के इस बयान पर अभी दिल्ली से किसी बड़े नेता की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता चरण सिंह सापरा ने कहा है, ‘’संजय राउत ने जो कहा है, वह उसका सबूत दें. हम इस बयान को सही नहीं मानते.’’ महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई है.


संजय के बयान पर बीजेपी ने क्या कहा?


वहीं, संजय राउत के बयान पर शिवसेना की पुरानी सहयोगी बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं. बीजेपी नेता आशीष सैलार ने कहा है, ‘’संजय राउत ने जो कहा है, अगर वह सही है तो इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. संजय राउत को अपने दावे पर सबूत भी पेश करना चाहिए और कांग्रेस को उनके इस बयान का खंडन भी करना चाहिए. अंडरवर्ल्ड और कांग्रेस का रिश्ता पुराना है.’’


कौन था अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला?


अंडरवर्लड डॉन करीम लाला का पूरा नाम अब्दुल करीम शेर खान था. करीम लाला का अफगानिस्तान जन्म हुआ था. साल 1930 में करीम लाला मुंबई आया था. साल 1960 से 1980 के बीच करीम लाला मुंबई में अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम बन गया था. मुंबई में करीम लाला सोने, चांदी और हथियारों की स्मगलिंग करता था. इसके बाद करीम लाल सट्टेबाजी और ड्रग्स रैकेट में भी उतर गया. साल 2002 में 90 साल की उम्र में करीम लाला की मुंबई में मौत हो गई.


कौन था हाजी मस्तान?


हाजी मस्तान तमिलनाडु का रहने वाला था. आठ साल की उम्र में हाजी मस्तान मुंबई आया. हाजी मस्तान ने पहले साइकिल की दुकान खोली फिर साल 1944 में डॉक पर कुली बन गया. डॉक पर ही हाजी मस्तान ने तस्करी का काम शुरू किया. विदेशों से सोने के बिस्किट, फिलिप्स के ट्रांजिस्टर और ब्रांडेड घड़ियों की तस्करी किया करता था.


साल 1974 में पुलिस ने पहली बार हाजी मस्तान को गिरफ्तार किया. 18 महीने जेल में रहने के बाद हाजी मस्तान बाहर आया और 1984 में दलित-मुस्लिम सुरक्षा महासंघ बनाई पार्टी बनाई और राजनीति में कूद गया. कहा जाता है कि हाजी मस्तान ने अपनी पूरी जिंदगी में न गोली चलाई न किसी की हत्या की. 1994 में हार्ट अटैक से हाजी मस्तान की मौत हो गई.


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