जम्मू कश्मीर: राज्यपाल ने संभाली सत्ता की कमान, राजनाथ बोले- आतंक का खात्मा ही लक्ष्य
Live BJP and PDP Alliance Break: राज्य में 1977 के बाद से आठवीं बार राज्यपाल शासन लगा है. कल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था.
जम्मू: बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन टूटने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू-कश्मीर में सत्ता की कमान संभाल ली है. जम्मू-कश्मीर की कमान संभालने के बाद राज्यपाल ने कश्मीर में सुरक्षा और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर की अहम बैठक भी. वहीं कश्मीर के हालात पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी, आतंक का खात्मा ही हमारा लक्ष्य है. कल पीडीपी से समर्थन वापसी का एलान करते हुए बीजेपी ने कहा कि बढ़ते कट्टरपंथ और आतंकवाद के चलते सरकार में बने रहना मुश्किल हो गया था. राज्य में 1977 के बाद से आठवीं बार राज्यपाल शासन लगा है.
जम्मू कश्मीर में आज दिनभर का घटनाक्रम
- जम्मू कश्मीर के बदले हालात के बाद बीजेपी 23 जून को घाटी में बड़ा शक्ति प्रदर्शन करेगी. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर रैली का आयोजन किया जाएगा. इस रैली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी जाएंगे.
- राज्यपाल शासन के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन से आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा है कि आंतकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा.
- जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल एनएन वोहरा ने कमाल संभाल ली है. एनएन वोहरा राज्यपाल शासन के बाद पहली बार 12.30 बजे बैठक करेंगे.
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कविंद्र गुप्ता के बयान पर ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है, ''हम कुछ कर रहे हैं, से क्या मतलब है आपका? अगर कुछ हो सकता है तो वो है दूसरी पार्टियों को तोड़ कर बीजेपी की सरकार बनाना. क्या पूर्व डिप्टी सीएम ने कोई राज खोला है?'' उमर अब्दुल्ला ने राज्य में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है.
The J&K state assembly should be dissolved immediately & fresh elections should take place as soon as appropriate. The former DCM has admitted that BJP can’t be trusted not to horsetrade for Govt formation. https://t.co/dbX4bK8goc
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 20, 2018
- बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविंद्र गुप्ता ने कहा है कि हम जम्मू-कश्मीर में कुछ कर रहे हैं. आगे परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा. जल्द ही बादल छट जाएंगे और सबको पता चल जाएगा. हम कुछ कर रहे हैं.''
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंग ने जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति से कल जम्मू कश्मीर के संविधान के सेक्शन 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश की थी.
President Ram Nath Kovind approved the imposition of Governor's rule in Jammu and Kashmir, with an immediate effect
Read @ANI Story | https://t.co/ppG2yWLebe pic.twitter.com/2yFKhpTY4Q — ANI Digital (@ani_digital) June 20, 2018
- बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के बाद केंद्र नया राज्यपाल नियुक्त कर सकती है.
- बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि ये गठबंधन होना ही नहीं चाहिए था, क्योंकि पीडीपी और बीजेपी दोनों की विचारधारा अलग है. लेकिन अगर गठबंधन हो गया तो इसे बहुत पहले ही अलग हो जाना चाहिए था.
- केजरीवाल ने कहा है कि बर्बाद करने के बाद बीजेपी कश्मीर में गठबंधन से बाहर हो गई. क्या बीजेपी ने हमसे यह नहीं कहा था कि नोटबंदी से कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूट गयी ? तब क्या हुआ ?
- जम्मू कश्मीर में सरकार गिरने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीडीपी ने खुद अपने लिए यह राजनीतिक आपदा खड़ी की है. मुझे लगता है कि पीडीपी के लिए अभी कोई स्थान नहीं है, यह पीडीपी के लिए एक सबक है और नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए भी.
राज्य में कोई पार्टी सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं
जम्मू कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस की 12 सीटें हैं. पार्टी ने कहा है कि पीडीपी के साथ गठबंधन करने का सवाल ही नहीं है. राज्य में एक अन्य प्रमुख दल नेशनल कांफ्रेंस के 15 विधायक हैं. उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल शासन लगाए जाने की बात कही है. उमर ने राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर कहा कि हमें 2014 में मैंडेट मिला और न ही हमारे पास मैंडेट है. न तो किसी ने हमें अप्रोच किया और न ही हमने किसी को अप्रोच किया है. ऐसे में अब ब कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं है.
साल 2015 के चुनाव में बीजेपी को मिली थीं 25 सीटें
राज्य में 87 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2015 में हुए चुनाव में बीजेपी को 25, पीडीपी को 28, नेशनल कांफ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12 और अन्य को सात सीटें मिली थीं. गठबंधन के एजेंडा के साथ बीजेपी और पीडीपी ने सरकार बनाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाया था.
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