UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक है लिहाजा सियासी पार्टियों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के क्रेडिट को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में ठनी है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर विजय यात्रा निकाल कर अखिलेश यादव लखनऊ घर लौट आए हैं. उनके पीछे पार्टी और कार्यकर्ता अब ये मैसेज दे रहे हैं कि यूपी बदलाव की ओर है. अखिलेश यादव के नारे के बहाने बीजेपी पर हमले हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी की रणनीति ये है कि यूपी की जनता को बताया जाए कि योगी सरकार ने कुछ नहीं किया. बस अखिलेश सरकार के काम काज पर फीता काट रहे हैं.
बीजेपी और समाजवादी पार्टी में तकरार
16 नवंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. सुल्तानपुर ज़िले में इस मौक़े पर एयर शो भी हुआ. अखिलेश यादव उसी दिन एक्सप्रेसवे के आख़िरी छोर ग़ाज़ीपुर से रथ यात्रा निकालना चाहते थे. लेकिन योगी सरकार ने पीएम के दौरे के नाम पर अखिलेश को इसकी इजाज़त नहीं दी. फिर अगले ही दिन अखिलेश ने ठीक उसी जगह से विजय यात्रा शुरू की. समाजवादी पार्टी का दावा है कि अखिलेश की इस यात्रा में बीस लाख लोग शामिल हुए. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद राम गोपाल यादव ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर अखिलेश की विजय यात्रा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादवा ने ग़ाज़ीपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर यात्रा शुरू की और लखनऊ पहुंच कर इसे ख़त्म किया. 341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को उन्होंने एक ही दिन में नाप लिया. सवेरे दस बजे उनका कार्यक्रम शुरू हुआ और बिना रूके थके अगले दिन तड़के 4.30 बजे अखिलेश ने इसे ख़त्म किया. सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक अखिलेश की यात्रा की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. जिसमें सवेरे 11.30 बजे वे ग़ाज़ीपुर में थे तो शाम 7 बजे आज़मगढ़ पहुंचे.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर रथ से चलते हुए रात 12 बजे वे सुल्तानपुर पहुंचे. उन्होंने उसी जगह पर सभा की जहां एक दिन पहले मोदी ने एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था. देर रात 1 बजे अखिलेश यादव अमेठी पहुंचे और 2 बजे अयोध्या. लखनऊ लौटते लौटते सुबह हो गई थी. अखिलेश यादव का दावा है कि जिस एक्सप्रेसवे के बीजेपी सरकार अपनी बता रही है, वो उनके सरकार में शुरू हुआ था. जबकि योगी सरकार का दावा है कि इसका शिलान्यास 2018 में मोदी ने आज़मगढ़ से किया था. सोशल मीडिया को हथियार बनाते हुए अखिलेश यादव और उनके समर्थक ये साबित करने में जुटे हैं कि बीजेपी के दावे झूठे हैं.