नई दिल्ली: कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने को लेकर बीजेपी पहली सितंबर से देश भर में जनजागरण अभियान चलाएगी. देश के 370 शहरों में घूम-घूम कर पार्टी के नेता लोगों से मन की बात करेंगे. सबको समझायेंगे कि 370 को बेअसर करने से देश कितना बदल गया है. कश्मीर के सात शहरों में भी बीजेपी रैलियां आयोजित करेंगी. महीने भर तक ये अभियान चलेगा. बीजेपी ने इसके लिए एक कमेटी भी बनाई है. केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह और पार्टी के उपाध्यक्ष वैजयंत पांडा इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं. इसके साथ ही नौजवान सांसदों जामयांग शेरिंग नामगयाल और तेजस्वी सूर्य को भी इस कमेटी में रखा गया है. जामयांग लेह से सांसद हैं. 370 पर संसद में बहस के दौरान दिए उनके भाषण की बड़ी तारीफ़ हुई थी. 370 के बारे में बताने के लिए 370 शहरों को चुना गया है. लोगों को अनुच्छेद 35 A के बारे में बताने के लिए राज्यों की 35 राजधानियों का चुनाव किया गया है.
370 पर बने माहौल को बीजेपी बनाए ही नहीं और आगे ले जाने के मूड में है. इसके लिए पूरा होमवर्क हो चुका है. देश भर में पार्टी ने जगजागरण अभियान चलाने की तैयारी कर ली है. मोदी सरकार के मंत्री से लेकर राज्यों के मुख्य मंत्रियों तक को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है. पार्टी के सांसदों से लेकर राज्यों के मंत्रियों तक को भी रैलियों में जाने को कहा गया है. ये सब नेता अलग-अलग शहरों में जाकर वहां के बुद्धिजीवियों से भी मुलाक़ात करेंगे. सबको बताया जाएगा कि मोदी सरकार के ऐतिहासिक फ़ैसले से क्या फ़ायदा है.
एक राष्ट्र और एक संविधान के बारे में बताने के लिए बीजेपी कश्मीर में भी सभायें करेगी. 370 को बेअसर करने के बाद घाटी में हालात बेहतर होने लगे हैं. ये बताने के लिए शोपोर और अनंतनाग जैसे शहरों में भी जनजागरण अभियान चलाया जाएगा. क्या इससे पहले वहां लगी पाबंदियां हटा दी जायेंगी? इस सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि वहां तो पहले से हालात नॉर्मल होने लगे हैं. ये ज़रूर है कि कुछ नेता वहां हालात बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. कश्मीर के साथ साथ जम्मू, उधमपुर, कठुआ, लेह और कारगिल में भी ये कार्यक्रम रखे गए हैं. अगले कुछ महीनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा के चुनाव होने हैं. 370 के बहाने जनजागरण अभियान से पार्टी को ताक़त मिलेगी. पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
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