Ashok Chavan: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद आज मंगलवार (13 फरवरी) को बीजेपी का दामन थाम लिया है. सोमवार (12 फरवरी) को उन्होंने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की थी और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अपना इस्तीफा भेजा था. इस बीच टाइम्स आफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कांग्रेस छोड़ने की वजहों में से एक ये है कि अशोक चव्हाण को केंद्रीय एजेंसियों के नोटिस का डर सता रहा था. उन्होंने सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की थी.


केंद्रीय एजेंसियों की जांच का था डर?
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चव्हाण लंबे समय से इस डर मे थे कि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि किन मामलों में उन्हें डर था, इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने की योजना वह काफी लंबे समय से बना रहे थे. पार्टी में पद छोड़ने से पहले अशोक चव्हाण ने सोनिया गांधी और पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की थी. पिछले हफ्ते ही अशोक इन दोनों शीर्ष नेताओं से मिले थे और पार्टी छोड़ने के बारे में बात भी की थी.


कांग्रेस ने लगाया है एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को पूछताछ के लिए नया समन जारी किया है. इसके बाद कांग्रेस ने "विपक्ष के खिलाफ एजेंसियों के दुरुपयोग" का आरोप लगाया है. मध्य प्रदेश के भी कांग्रेस के विधायकों सहित कई अन्य नेताओं ने दावा किया है कि उन्हें इनकम टैक्स का नोटिस मिला है.


'केंद्रीय नेतृत्व को अच्छे से पता है'


बीजेपी में शामिल होने के बाद अशोक चव्हाण ने कहा, 'मेरे लिए कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला लेना आसान नहीं था. ये एक दिन में लिया गया फैसला नहीं है. ये बात सच है कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया. फिर इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि जब तक मैं पार्टी में था, तब तक मैंने भी पार्टी के लिए बहुत कुछ किया. मैंने पार्टी के लिए क्या कुछ किया, ये कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को अच्छे से पता है.


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