नई दिल्ली: कांग्रेस ने सैफुद्दीन सोज के बयान की निंदा की और उसे किताब बेचने का स्टंट बताया. वहीं, गुलाम नबी आजाद के बयान का बचाव करते हुए कहा कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई निर्दोष ना मारा जाए यही कोशिश सेना की भी रहती है. विवाद करने वाले देश का ध्यान भटकाना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज ने जम्मू-कश्मीर की आजादी का समर्थन किया है. सैफुद्दीन सोज के इस बयान पर बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जवाब मांगा है. बीजेपी ने कहा है कांग्रेस ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ का समर्थन किया है और सेना के जज्बे को तोड़ रही है.
गुलाम नबी आजाद पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है, ''कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सेना कश्मीर में आतंकवादियों से ज्यादा आम जनता को मार रही है.उनकी यह टिप्पणी बहुत ही शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना है.'' उन्होंने कहा, ''आज गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी से सबसे ज्यादा खुश वे लोग होंगे जो आंतकवाद का समर्थन कर रहें है.''
देश को तोड़ने वाली ताकतों को मजबूत कर रही है कांग्रेस- बीजेपी
बीजेपी ने आगे कहा, ''आज जो भाषा कांग्रेस पार्टी के नेता बोल रहें है उसका समर्थन लश्कर-ए-तैयबा कर रही है. किस राजनीतिक लाभ के लिए आज कांग्रेस पार्टी देश को तोड़ने वालों के साथ खड़ी हो गयी है?'' उन्होंने कहा, ''आज कांग्रेस पार्टी राहुल गाँधी जी की अगुवाई में और सोनिया गाँधी जी के आश्रय में देश को तोड़ने वाली ताकतों को मजबूत कर रही है. कांग्रेस पार्टी के स्वरों का समर्थन आज पाकिस्तान से तुरंत हो जाता है.''
बीजेपी ने बताया है कि साल 2012 में जम्मू-कश्मीर में 72 आतंकियों और साल 2013 में 67 आतंकियों को मारा गया था. जबकि साल 2014 में 110, साल 2015 में 108, साल 2016 में 150 और साल 2018 में अबतक 75 आतंकियों को मार गिराया गया है. बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस अपनी और हमारी सरकार के इस अंतर को देख सकती है.
कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने क्या कहा है?
सैफुद्दीन सोज ने आज कहा है, ''मुशर्रफ ने कहा था कि आजादी कश्मीरियों का पहला विकल्प है.'' उन्होंने कहा, ''मैंने भी किताब में लिखा था जो तब भी सही था और आज भी सही है. लेकिन मुमकिन नहीं है और आजादी दूसरे तरीके से मिल सकती है, जिसमें पाकिस्तान-हिंदुस्तान की सीमाएं ना बदलें और जम्मू-कश्मीर के पहले पांच खत्ते और हिदुस्तान के तीन खत्ते हैं. ये आराम की नींद सोएंगे और गौरव भी होगा. शांति भी होगी और उनके इज्जत का सौदा गलत नहीं होगा.''
ये मेरी निजी राय, कांग्रेस का लेने देना नहीं- सोज
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज ने कहा है कि उन्होंने अपनी किताब में जो बातें कही हैं वो उनकी निजी राय है और इनका पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है. दरअसल, सोज ने अपनी किताब 'कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल' में परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोटिंग की स्थितियां होती हैं तो कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने की अपेक्षा अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे.
यूपीए सरकार में मंत्री रहे सोज ने दावा किया है कि घाटी में मौजूदा हालात के लिए बीजेपी नीत केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए शांतिपूर्ण माहौल की स्थापना जरूरी है, जिससे यहां के लोग शांति से रह सकें.
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