कोलकाता: पचिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस त्रिस्तरीय राज्य पंचायत चुनाव में पड़े मतों की करीब आठ घंटे की मतगणना के बाद 80 फीसदी से ज्यादा ग्राम पंचायत सीटों पर कब्जे के साथ ग्रामीण बंगाल में भारी जीत दर्ज करती दिख रही है. बीजेपी लगभग सभी जिलों में दूसरे नंबर पर उभरी है. तृणमूल कांग्रेस 825 जिला परिषद सीटों में से 20 पर जीत दर्ज कर चुकी है और अन्य 22 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि विपक्षी पार्टियां खाली हाथ हैं. राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) की तरफ से जारी हालिया चुनाव परिणामों के अनुसार, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी 6,125 पंचायत समिति में से करीब 160 पर विजयी हुई है और अन्य 173 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रही है.


बीजेपी और वाम को एक-एक पंचायत समिति की सीट पर जीत मिली है. बीजेपी को खास तौर से मुर्शिदाबाद और झारग्राम जिले में एक वर्ग की पंचायत सीटों पर जीतने में कामयाबी मिली, जबकि वाम व कांग्रेस को हाशिए पर धकेल दिया गया.


पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक ने कहा, "यह तृणमूल के लिए बड़ी जीत है. विपक्षी का निर्दलीय उम्मीदवारों को बाहर से समर्थन देना उनके लिए फायदेमंद होगा. इसने उन्हें गलत साबित किया है, क्योंकि वे सभी साफ हो गए हैं. लोगों ने तृणमूल कांग्रेस और उसकी नेता ममता बनर्जी के लिए मतदान किया है."


चुनाव परिणामों के दौरान नदिया जैसे जिलों में हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबर है, जहां गुंडों के एक समूह के कथित तौर पर मतपेटियों के साथ भागने की बात सामने आई है. मतपत्रों से छेड़छाड़ की शिकायत के बाद नदिया के मझदिया में मतगणना करीब तीन घंटे तक रुकी रही.


राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव नीलांजन शांडिल्य ने कहा, जिलों में अशांति की कुछ रिपोर्टें हैं, लेकिन संबंधित प्रशासन पहले ही कार्रवाई कर चुका है. कहीं से भी किसी बड़ी हिंसा की कोई खबर नहीं है. बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता बीरभूम जिले में एक मतगणना केंद्र के बाहर एक दूसरे से भिड़ गए. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजी.


पश्चिम बंगाल का भांगर में निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ ग्राम पंचायत सीटों में पांच पर जीत दर्ज की. इन निर्दलीय उम्मीदवारों को जमी-जीविका-वास्तुतंत्र और परिवेश रक्षा समिति का समर्थन प्राप्त था. हालांकि, पंचायत समिति पर सत्तारूढ़ पार्टी के बाहुबली अरबुल इस्लाम ने जीत दर्ज की. इस्लाम को चुनाव से एक दिन पहले कथित तौर पर एक स्थानीय युवक की हत्या में संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया.


बंगाल पंचायत चुनावों के लिए मतदान सोमवार को हुआ था. इस दौरान प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच व्यापक हिंसा की रिपोर्ट आई थी, जिससे 20 जिलों में से 19 जिले के 573 मतदान केंद्रों पर बुधवार को फिर से मतदान कराया गया. राज्य प्रशासन के अनुसार, मतदान के दिन 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से चुनावी हिंसा की वजह से छह लोगों की मौत की पुष्टि की गई.


हालांकि, विपक्षी राजनीतिक दलों और मीडिया के एक वर्ग ने मतदान के दिन मरने वालों की संख्या 21 से ज्यादा होने का दावा किया है, जबकि पांच लोगों की मौत अगले दिन हुई. शुरुआत में, ग्रामीण निकायों के लिए मतदान एक मई, 3 और 5 मई को आयोजित होने थे. लेकिन जैसे ही अप्रैल में नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसे कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर नामांकन की समय सीमा बढ़ाने और नए सिरे से चुनाव तरीख घोषित करने के आदेश के बाद एसईसी ने इसकी तारीक 14 मई तय की.


आंकड़ों से पता चलता है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 58,692 सीटों में से 20,076 सीटों पर पहले ही निर्विरोध उम्मीदवार चुन लिए गए हैं. इन सीटों में तृणमूल का बड़ा भाग शामिल है. इनमें कुल 48,650 ग्राम पंचायत सीटों में 16,814 सीटें, 9217 पंचायत समिति सीटों में 3,059 सीटें और 825 जिला परिषद सीटों में 203 सीटें शामिल हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग से निर्विरोध जीतने वाले उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट जारी नहीं करने को कहा है.