Brijendra Chaudhary Resignation: हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से सांसद बृजेंद्र चौधरी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सुबह ट्वीट कर पार्टी छोड़ने का फैसला किया और फिर दोपहर में कांग्रेस का हाथ थाम लिया. कांग्रेस का हाथ थामने से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह बेटे बृजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर उनसे मुलाकात की थी. इससे उनके पार्टी में शामिल होने की बात होने लगी थी.
वहीं, रविवार (10 मार्च) दोपहर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में बृजेंद्र चौधरी ने पार्टी का दामन थाम लिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने बृजेंद्र चौधरी को फूलों का गुलदस्ता देकर पार्टी में शामिल किया. इस दौरान कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे.
सुबह किया था BJP छोड़ने का ऐलान
इससे पहले, सांसद बृजेंद्र चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैं राजनीतिक कारणों की वजह से बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मैं पार्टी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का हिसार के संसद सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए आभार व्यक्त करता हूं.' उनके कई दिनों से बीजेपी से इस्तीफा देने की चर्चाएं चल रही थीं.
(बृजेंद्र चौधरी का ट्वीट)
कांग्रेस में शामिल होने पर क्या बोले बृजेंद्र सिंह? देखें
कांग्रेस में शामिल होने के बाद बृजेंद्र सिंह ने कहा, 'मैं आज बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं. मैं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी व पार्टी के अन्य नेताओं का धन्यवाद करता हूं. कुछ राजनीतिक कारण काफी समय से बन रहे थे जिसमें असहजता एक अहम विषय है. इसमें मुख्यत: विचार के मामलों में मेरी सहमति पार्टी (बीजेपी) से नहीं थी, जिस कारण मैंने यह निर्णय लिया है.'
उन्होंने कहा, '2 अक्टूबर को जींद की रैली में जो एक मुद्दा उठाया गया वह हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी के गठबंधन को लेकर था. इस बारे में फैसला लिया गया और वह भी एक कारण (बीजेपी छोड़ने का) है.' जब उनसे सवाल किया गया कि क्या और भी लोग पार्टी छोड़ने वाले हैं. इस पर उन्होंने हां में जवाब दिया, मगर ये नहीं बताया कि क्या वो विधायक होंगे या सांसद.
क्या है पार्टी छोड़ने की वजह?
दरअसल, हरियाणा के हिसार से 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसद बृजेंद्र सिंह को बीजेपी में अपना भविष्य नजर नहीं आ रहा था. इसकी वजह ये थी कि इस बार उन्हें लोकसभा टिकट मुश्किल था. 2019 में उन्होंने जेजेपी के दुष्यंत चौटाला को हराया था और कांग्रेस से भव्य विश्नोई तीसरे नंबर पर थे. जेजेपी अब बीजेपी के साथ गठबंधन में है और कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. जाहिर है बृजेंद्र सिंह का टिकट कटना तय था. इसलिए अब वह कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं.
हरियाणा में क्या रहा 2019 का चुनावी समीकरण?
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं और बीजेपी ने यहां सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को राज्य में 58 फीसदी वोट मिले थे. कांग्रेस को भले ही 28 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन वह चुनाव में एक सीट भी जीतने में सफल नहीं हो पाई थी.
बीजेपी ने इस बार 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले सांसद का इस्तीफा उसके लिए बड़ा झटका है. बीजेपी की तरफ से उम्मीदवारों की जो लिस्ट जारी की गई है, उसमें अभी तक हिसार सीट से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. ऐसे में ये देखना है कि अब बीजेपी किसे यहां से टिकट देती है.
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