Chhattisgarh: रेप में मिलीभगत मामले में BJP उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम को कोर्ट से मिली राहत, जानें झारखंड HC ने क्या कहा
Brahmanand Netam: हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. नेताम का नाम एफआईआर में नहीं है लेकिन रेप मामले में कथित मिलीभगत का आरोप उन पर लगा है.
Jamshedpur Rape Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बीजेपी (BJP) नेता ब्रह्मानंद नेताम (Brahmanand Netam) को रेप के एक मामले कोर्ट से राहत मिली है. झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने पुलिस को निर्देश दिया है कि नेताम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. ब्रह्मानंद नेताम छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव (Bhanupratappur BY-Election) में बीजेपी उम्मीदवार हैं. इस सीट के उपचुनाव में सोमवार (5 दिसंबर) को वोट डाले गए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, झारखंड हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि जमदेशपुर में रेप के एक मामले में जांच के दायरे में आए ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.
कोर्ट ने पुलिस से यह कहा
न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को निर्देश दिया कि नेताम के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाए. पुलिस ने बताया कि झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में 15 वर्षीय लड़की से कथित दुष्कर्म के मामले में नेताम के खिलाफ जांच की जा रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिकी में नेताम का नाम नहीं है लेकिन जांच के दौरान उनकी कथित मिलीभगत सामने आई है. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में मानव तस्करी का आरोप भी शामिल है. वहीं, नेताम के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते फंसाया जा रहा है. मामले को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर क्यों हुआ उपचुनाव?
16 अक्टूबर को भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मनोज सिंह मंडावी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. इसलिए इस सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था. इस सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी.
सोमवार को हुआ था हंगामा
सोमवार को भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लेकर चल रहे मतदान के दौरान दोपहर के करीब तीन बजे ब्रह्मानंद नेताम एक बूथ पर जायजा लेने पहुंचे तो झारखंड पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए लेने पहुंच गई.
एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने नेताम से कांकेर थाना चलने के लिए कहा. नेताम गाड़ी में बैठे तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस का काफिला रोककर हंगामा किया. हंगामा होता देख पुलिस नेताम को अपने साथ नहीं ले जा पाई. इसी दौरान बीजेपी नेता शिवरतन शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी दिखाई, जिसमें गिरफ्तारी पर रोक का निर्देश दिया गया था. पुलिस ने हाई कोर्ट के आदेश से अनभिज्ञता जताई और कहा कि वह केवल पूछताछ के लिए नेताम को लेने आई थी. अब मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी.
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