BJP Candidates List 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी ने बुधवार (13 मार्च) को 72 कैंडिडेट की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में एक दिन पहले हरियाणा के सीएम पद से इस्तीफा देने वाले मनोहर लाल खट्टर को करनाल से लोकसभा टिकट के ऐलान ने चौंकाया. वहीं, मैसूर-कोडागु से प्रताप सिम्हा का टिकट कटना भी बड़ा फैसला रहा.
प्रताप सिम्हा बीते दिनों संसद सुरक्षा चूक मामले के बाद सुर्खियों में आए थे. प्रताप सिम्हा के ही विजिटर पास पर संसद सुरक्षा चूक मामले के आरोपियों ने पार्लियामेंट में एंट्री ली थी. इसे लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी को जमकर निशाने पर लिया था.
जिस घटना के कारण हुई प्रताप सिम्हा की किरकिरी!
दरअसल, 13 दिसंबर, 2023 को दो लोग विजिटर गैलरी से लोकसभा के कक्ष में कूद गए थे. उस दिन 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी थी. घुसपैठियों ने नारे लगाए और कनस्तरों के माध्यम से पीला धुआं छोड़ा. संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना के कारण केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच बड़े पैमाने पर गतिरोध पैदा हुआ था. विपक्ष ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग की थी. विपक्षी दलों ने प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी.
बीजेपी ने मैसूर सीट से मौजूदा सांसद प्रताप सिम्हा की जगह मैसूर शाही परिवार के यदुवीर कृष्णदत्त वाडियार को उम्मीदवार बनाया है.
यदुवीर कृष्णदत्त वाडियार को बधाई देते हुए ये बोले प्रताप सिम्हा
प्रताप सिम्हा ने शाही परिवार के यदुवीर कृष्णदत्त वाडियार को मैसूर से टिकट मिलने पर बधाई दी है. प्रताप सिम्हा ने अपने X हैंडल से वाडियार की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''महाराजा श्री यदुवीर को बधाई. आइए तुरंत तैयारी शुरू करें, आइए अभियान शुरू करें. #देश के लिए, मोदी के लिए.''
एक और पोस्ट में सिम्हा ने लिखा, ''महाराजा यदुवीर को बधाई दी. मैं अगले दो दिनों में प्रचार शुरू करूंगा. आप सभी को धन्यवाद.''
प्रताप सिन्हा ने समर्थकों से पहले ही कह दिया था- विरोध न करें
बता दें कि प्रताप सिम्हा ने टिकट न मिलने की आशंका X पर एक पोस्ट के माध्यम से पहले ही जाहिर कर दी थी और समर्थकों से विरोध-प्रर्दशन न करने का आग्रह किया था.
बीजेपी उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी होने से पहले उन्होंने बुधवार (13 मार्च) को दोपहर में X पर पोस्ट किया, ''प्रिय कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों, प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बिना मैं क्या हूं? ये 2 तस्वीरें देखिए और समझिए. मैं अपने राजनीतिक अस्तित्व का श्रेय मोदी जी को देता हूं. मैं आप सभी से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि विरोध न करें. हम सब एक परिवार के हैं, आइए मोदी जी के लिए काम करें.''
जनवरी में मैसूर के गांव में करना पड़ा था विरोध का सामना
बता दें कि इसी साल जब अयोध्या में 22 जनवरी भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई, उस दौरान कर्नाटक के मैसूर जिले के एक गांव में राम मंदिर को लेकर पूजा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचने पर प्रताप सिम्हा को फजीहत झेलनी पड़ी थी. कुछ ग्रामीणों ने उन्हें दलित विरोधी कहते हुए गांव से वापस लौट जाने के लिए कह दिया था. इसी गांव से रामलला की मूर्ति के लिए पत्थर आया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरोहल्ली (Harohalli) पंचायत के अंतर्गत गुज्जेगौदानपुरा (Gujjegowdanapura) गांव से लाए गए पत्थर से रामलला की मूर्ति बनी. मूर्तिकार अरुण योगीराज मूर्ति बनाई थी. पत्थर के ब्लॉक को 70 वर्षीय दलित किसान रामदास एच की ओर से दान की गई चार गुंटा भूमि से खनन किया गया था. ग्रामीणों का आरोप था कि प्रताप सिम्हा चुनाव के वक्त उनके इलाके में आए.