BJP Candidates List 2024: दो दशकों का सूखा मिटाने वाले को किया साइड, BJP ने कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवार को दे दिया टिकट
BJP Candidates List: BJP ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली जारी की है. इसमें गुना संसदीय सीट भी है. इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया है.
BJP Candidate List 2024: भारतीय जनता पार्टी ने 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में बीजेपी ने कांग्रेस समेत कई अन्य दलों से पार्टी में आने वाले नेताओं को भी टिकट दिया है. लोकसभा चुनाव के लिए जारी की गई पहली लिस्ट में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की गुना सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर मौजूदा बीजेपी सांसद केपी यादव का टिकट काट दिया गया है.
ये वही केपी यादव हैं, जिन्होंने गुना संसदीय सीट पर बीजेपी के दो दशकों के सूखे को मिटाते हुए 2019 में जीत हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव के चौंकाने वाले नतीजों में से एक यही सीट थी. इसी सीट पर चुनाव हारने के बाद सिंधिया कमजोर होते दिखाई देने लगे थे और अंत में साल 2020 में वो बीजेपी के साथ मिल गए. पिछले लोकसभा चुनाव यानी साल 2019 में केपी यादव ने 1 लाख 25 हजार 549 वोटों से ज्योतिरादित्य सिंधिया को मात दी थी. केपी यादव को कुल वोट का 52.11 फीसदी यानी 6,14,049 वोट मिले थे. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को 41.45 फीसदी यानी 4,88,500 वोट ही मिले थे.
शुरुआत से ही गुना सीट पर रहा है 'सिंधिया' का दबदबा
गुना संसदीय सीट पर शुरुआत से ही सिंधिया परिवार का दबदबा रहा है. सिंधिया घराने की ग्रीष्मकालीन राजधानी कभी इसी इलाके में हुआ करती थी. आजादी के बाद 1952 का पहला लोकसभा चुनाव छोड़ दिया जाए तो फिर इस सीट पर हमेशा से ही सिंधिया परिवार या उनका भरोसेमंद व्यक्ति ही सांसद चुना गया. 1957 में विजया राजे सिंधिया कांग्रेस के टिकट से इसी सीट से लोकसभा चुनाव जीती थीं.
विजया राजे सिंधिया भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं. 1989 से 1998 तक विजयाराजे सिंधिया ही गुना संसदीय सीट से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा पहुंचती रहीं. 1999 में कांग्रेस के टिकट पर विजयाराजे सिंधिया के बेटे माधवराव सिंधिया इस सीट से लोकसभा चुनाव जीते. हालांकि 2002 मं एक विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया और फिर इस सीट से उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया को सांसद चुना गया. 2002 से 2019 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट से लगातार सांसद चुने जाते गए.
केपी यादव ने वो कर दिखाया, जिसकी उम्मीद किसी को न थी
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का संगठन काफी मजबूत है. हालांकि फिर भी पार्टी कांग्रेस के जिन अभेद्य किलों को भेदने में नाकाम रही उनमें से एक सिंधिया का गढ़ गुना था. हालांकि 2019 में जब केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा कर लोकसभा चुनाव जीता तो नतीजों ने सभी को चौंका दिया, लेकिन इस जीत का जश्न केपी यादव ज्यादा दिनों तक नहीं मना सके.
2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. तभी से गुना संसदीय क्षेत्र में फिर से उनकी वापसी के कयास लगाए जाने लगे. हाल ही में जब बीजेपी ने अपने कई सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतारा तो कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया को भी गुना संसदीय क्षेत्र में टिकट दिया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब बीजेपी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है, उस नेता का टिकट काट कर जिसने सिंधिया को ही पिछले चुनाव में मात दी थी.
सिंधिया ले रहे बधाइयां और खामोश पड़ा है यादव का ट्विटर
सिंधिया के बीजेपी से जुड़ने के बाद से ही केपी यादव लगातार उनपर हमला बोलते रहे. ऐसे में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दखल देना पड़ा. बीजेपी से जुड़ने के बाद से ही सिंधिया लगातार गुना संसदीय क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे थे. वहीं लोकसभा चुनाव के लिए जारी की गई पहली लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया है. सिंधिया ट्विटर पर लगातार उन्हें दी जा रही बधाइयों का जवाब भी दे रहे हैं. वहीं केपी यादव का ट्विटर टिकट बंटवारे के बाद से खामोश है.