BJP State President News: लोकसभा चुनाव से पहले देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसी की तैयारी में जुटी बीजेपी (BJP) ने मंगलवार (4 जुलाई) को चार राज्यों में अपने अध्यक्ष बदले हैं. केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) को तेलंगाना के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) को झारखंड और सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) को पंजाब में पार्टी की कमान दी गई है.


आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम किरन कुमार रेड्डी को बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया है. वे अप्रैल में बीजेपी में शामिल हुए थे. एटाला राजेंद्र को तेलंगाना में बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया है और ये तत्काल प्रभाव से लागू होंगी. 


केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद किए बदलाव


बता दें कि, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावना को लेकर जारी चर्चाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (3 जुलाई) को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की थी. लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की इससे पहले कई दौर की बैठकें चली थीं.


इन बैठकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महामंत्री बी एल संतोष शामिल रहे थे. तीनों नेताओं ने 28 जून को पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी. जिसके बाद अब ये बदलाव किए गए हैं. 


जी. किशन रेड्डी हैं मोदी सरकार में मंत्री


जी. किशन रेड्डी केंद्र सरकार में पर्यटन, संस्कृति और विकास मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. वह 2019 में सिकंदराबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे. रेड्डी ने अपना राजनीतिक करियर 1977 में जनता पार्टी के युवा नेता के रूप में शुरू किया था. 1980 में बीजेपी के गठन के बाद से वह पार्टी में हैं.


रेड्डी 2002 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे. वह 2004 में हिमायतनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुने गए थे और 2009 और 2014 में अंबरपेट विधानसभा क्षेत्र से फिर जीते थे. जी. किशन रेड्डी इससे पहले भी तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं. 2019 में उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया था.


कांग्रेस से बीजेपी में आए थे सुनील जाखड़


सुनील जाखड़ बीते साल मई में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. जाखड़ पहली बार 2002 में अबोहर से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे. 2007 और 2012 में, वह अबोहर से फिर से चुनाव जीते.


गुरदासपुर में उपचुनाव जीतने के बाद वह संसद बने थे. वह 2012-2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे थे. कांग्रेस आलाकमान से नोटिस मिलने के कुछ दिनों बाद उन्होंने 14 मई 2022 को कांग्रेस छोड़ दी थी. 


बाबूलाल मरांडी को दी गई झारखंड की जिम्मेदारी


बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं. फिलहाल वे झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. उनके राजनीतिक सफर की बात करें तो बीजेपी ने 1991 में उन्हें दुमका लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गए थे. बीजेपी ने इसके बाद उन्हें पार्टी की झारखंड इकाई का अध्यक्ष बनाया था.


उनके नेतृत्व में ही पार्टी ने 1998 के चुनाव में झारखंड क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटें जीती थीं. वह 1998 से 2000 तक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे थे. 2000 में झारखंड का गठन होने के बाद एनडीए राज्य में सत्ता में आई और मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे. 


2006 में बीजेपी छोड़ी, 2020 में वापस आए


बाबूलाल मरांडी कई बार लोकसभा के सांसद रहे हैं. उन्होंने 2006 में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और झारखंड विकास मोर्चा नाम से एक नई पार्टी बनाई थी. उनके छोटे बेटे की अक्टूबर 2007 में झारखंड के गिरिडीह जिले में एक नक्सली हमले में मौत हो गई थी. उन्होंने साल 2020 में घर वापसी करते हुए अपनी पार्टी जेवीएम का बीजेपी में विलय कर दिया था.


पूर्व केंद्रीय मंत्री डी. पुरंदेश्वरी को मिली आंध्र प्रदेश की कमान


दग्गुबाती पुरंदेश्वरी पहले कांग्रेस में थीं. वे कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में 2009 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री और उसके बाद 2012 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रही थीं.


पूर्व सांसद पुरंदेश्वरी कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 2014 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं. 2014 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गई थीं. उन्हें बीजेपी ने महिला मोर्चा प्रभारी नियुक्त किया था. 2020 से वह ओडिशा बीजेपी की राज्य प्रभारी रही हैं.


ये भी पढ़ें- 


यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के लिए क्यों जरूरी? पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा- 'PM के बयान के पीछे सियासी मंशा, देश में फैल सकती है हिंसा'