नई दिल्ली: 'एक देश, एक चुनाव' पर नए सिरे से बहस जारी है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के उस कथित बयान पर सफाई दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि 11 राज्यों के साथ लोकसभा चुनाव पर विचार किया जाना चाहिए.


बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने अमित शाह का पत्र दिखाते हुए कहा कि 11 राज्यों के साथ लोकसभा चुनाव की बात उन्होंने नहीं की है. पात्रा ने कहा कि पार्टी में इस तरह की कोई राय नहीं है. मीडिया ने गलत खबर चलाई.


संबित पात्रा ने कहा, ''एक राष्ट्र, एक चुनाव पर पहले भी चर्चा हो चुकी है. चुनाव आयोग, नीति आयोग ने इसके पक्ष में बात की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि आम सहमति हो. यह अच्छी बात है.''





इससे पहले खबर आई थी की बीजेपी 11 राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव कराने पर विचार कर रही है. एक साथ चुनाव की खबरों पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.


कांग्रेस बोली-...तो मोदी इस्तीफा दें


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘’एक साथ चुनाव संविधान संशोधन के सिवा संभव नहीं है. इसके अलावा एक रास्ता है कि मोदी जी इस्तीफा दें और लोकसभा भंग कर चुनाव का ऐलान करें. अगर लोकसभा भंग होती है तो हम लोकसभा और तीन विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने को तैयार हैं.’’


नीतीश की हां में भी ना
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है, ‘’इस चुनाव में ये मुमकिन नहीं है कि लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. हालांकि वैचारिक रूप से ये सही है. लेकिन तत्काल ये संभव नहीं है.’’


चुनाव आयोग ने कहा- वक्त चाहिए
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है, ‘’पांच राज्यों के चुनाव तो वैसे भी एक साथ लोकसभा चुनाव के साथ होते हैं. हमारे पास मशीनें होंगी तो कोई दिक्कत नहीं है. अगर हाउस का कार्यकाल बढ़ाना या कम करना है तो उसके लिए संविधान संशोधन की ज़रूरत पड़ेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘’हमें पूरे देश में एक साथ कराना है तो सालभर का वक़्त चाहिए, अगर कुछ राज्यों की बात है तो उसके लिए हम तैयार हैं.’’


'प्रधानमंत्री मोदी की नई योजना पाइप लगा लो नाले में, चाय बना लो प्याले में'


आपको बता दें कि कल बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लॉ कमीशन के चेयरमैन से मिला था. इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, भूपेंद्र यादव और अनिल बलूनी शामिल थे. इन नेताओं ने एक साथ चुनाव कराए जाने का समर्थन करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की चिट्ठी सौंपी थी. एक साथ चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर लॉ कमीशन ने सभी दलों से राय मांगी है.


विपक्षी दल एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराए जाने के पक्ष में नहीं है. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, वामदल, आईयूएमएल, एआईएडीएमके, गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी अगर एक साथ चुनाव चाहती है तो 2019 लोकसभा चुनाव से ही इसे लागू करे.


राहुल गांधी ने शादी के सवाल पर कहा, 'मैंने पार्टी से विवाह किया है'