JP Nadda Review The Kerala Story Film: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बेंगलुरु में प्रचार के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने रविवार (7 मई) शाम को फिल्म 'द केरला स्टोरी' देखी. अब उन्होंने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान इस फिल्म का रिव्यू दिया है. उन्होंने कहा कि केरल में धर्म परिवर्तन एक आतंकवाद है. यह एक बहुत ही भयावह आतंकवाद का रूप है. इसमें कोई आवाज नहीं है, लेकिन यह बहुत खतरनाक है, जिसका 'द केरला स्टोरी' फिल्म ने पर्दाफाश किया है.
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि इस फिल्म का संबंध न ही धर्म से है और न ही किसी राज्य से है, बल्कि इसका संबंध देश से है. यह एक वैश्विक कहानी है. केवल भारत ही नहीं यह और भी तमाम देशों में हो रहा है. युवाओं को पहले आकर्षित किया जाता है, बाद में उन्हें दखेल दिया जाता. केरला स्टोरी इन सभी मुद्दों को बहुद अच्छे से एक्सपोज करती है. फिल्म ने समाज में जागरुगता लाने का काम किया है. ये एक आई ओपनर स्टोरी है.
कांग्रेस-PFI एक थाली के चट्टे-बट्टे
एसडीपीआई (SDPI) की तरफ से कांग्रेस के समर्थन और आपसी साठगांठ के सवाल पर जेपी नड्डा ने कहा कि पीएफआई और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. देश इनके लिए सेकेंड्री है. प्राइमरी इनके लिए वोट बैंक पॉलिटिक्स है. पीएफआई पर बैन भारत सरकार ने ठोस सबूत के आधार पर किया. हम देश की अखंडता के लिए काम करते हैं, लेकिन कांग्रेस की सोच है देश चाहे खंडित हो जाए लेकिन उन्हें वोट मिलना चाहिए.
प्रियंका गांधी पर पलटवार
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आरोपों के सवाल पर नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि आपने जिस तरह से तुष्टीकरण किया है उस तुष्टीकरण का नतीजा ही. उन्होंने पूछा कि पीएफआई के लोगों को किसने छोड़ा था? इस तरह की राजनीति करने वाला हमारे संविधान में आर्टिकल 44 में बड़े साफ शब्दों में लिखा है कि धर्म के आधार पर रिजर्वेशन नहीं होगा, फिर भी ये संविधान विरोधी बात करते हैं.
'द केरला स्टोरी' पर विवाद जारी
'द केरला स्टोरी' केरल की 32 हजार हिंदू और ईसाई लड़कियों की कहानी है, जिन्हें कथित तौर पर लव जिहाद में फंसाया गया. फिल्म के निर्माता यह दावा कर रहे हैं कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है. वहीं, इसका विरोध करते हुए कहा जा रहा है कि इसमें 1-2 घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश की गई है. इस फिल्म को लेकर राजनीति जारी है.
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