JP Nadda On Reduced Fuel Price: केंद्र सरकार ने शनिवार को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की है. केंद्र ने पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल पर 6 रुपये टैक्स घटाया है. जिसके बाद पेट्रोल 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये सस्ता हो गया है. सरकार के इस एलान के बाद जहां एक तरफ बीजेपी नेता और सरकार के मंत्री फैसले की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का कहना है कि सरकार ने अपने ही बढ़ाए दामों को वापस लेने का काम किया है.
इस फैसले को लेकर अब बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सरकार की तारीफ की है. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकार साधारण व्यक्ति को राहत देने, उनके जीवन में बदलाव लाने और गरीबों के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध रूप से काम कर रही है. इसका एक उदाहरण हमने कल देखा जब प्रधानमंत्री ने 6 महीने में दूसरी बार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में भारी कमी की.
सरकार पर सालाना पड़ेगा एक लाख करोड़ रुपये का भार- नड्डा
नड्डा ने कहा कि इस छूट से केंद्र सरकार पर सालाना एक लाख करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. लेकिन देश की जनता को इसका लाभ मिलेगा. उज्ज्वला योजना में 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को इस वर्ष हर सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है.
गैस सिलेंडर खरीदने वालों को भी मिली राहत
बता दें कि, पेट्रोल डीजल के अलावा सरकार ने गैस सिलेंडर खरीदने वालों को भी राहत दी थी और उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति गैस सिलेंडर की सब्सिडी देने का फैसला किया. इसका एलान करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) की सब्सिडी देंगे. इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी."
क्या कहा केंद्रीय वित्त मंत्री ने?
ये घोषणाएं करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब से केंद्र में पीएम मोदी की सरकार आई है हम गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. हमने गरीबों और मध्यम वर्ग की मदद के लिए कुछ कदम उठाए हैं. इसका नतीजा ये निकला है कि हमारे कार्यकाल में औसत महंगाई पिछली सरकार से कम ही रही है. उन्होंने कहा है कि दुनिया इस वक्त मुश्किल वक्त से गुज़र रही है. विश्व कोरोना महामारी से उबर ही रहा था कि यूक्रेन संकट आ खड़ा हुआ, जिससे सप्लाई चेन और कई सामानों की शॉर्टेज हुई है. इसके कई देशों में महंगाई और आर्थिक संकट पैदा हुए हैं.
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