Parliament Session: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार (08 दिसंबर, 2024) को आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर से वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है. इस बीच, भारत को अस्थिर करने के प्रयास संबंधी भाजपा के आरोपों को अमेरिका की ओर से खारिज किए जाने के बीच पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि वह इस मुद्दे पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से 10 सवाल पूछेंगे.
दुबे ने कहा कि मीडिया पोर्टल ‘ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) और हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष के साथ सांठगांठ की है. भाजपा ने दावा किया कि ‘फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन’ की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी, जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर से वित्तपोषित एक संगठन से जुड़ी हुई हैं. पार्टी ने कहा कि एफडीएल-एपी फाउंडेशन ने अपने ये विचार व्यक्त किए हैं कि कश्मीर को अलग क्षेत्र माना जाए.
बीजेपी ने किया ये दावा
भाजपा ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव और ऐसे संबंधों के राजनीतिक प्रभाव को व्यक्त करता है.’’ पार्टी ने आगे दावा किया कि सोनिया गांधी के राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता के कारण जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ साझेदारी हुई, जो भारतीय संगठनों पर विदेशी वित्तपोषण के प्रभाव को दर्शाता है.
OCCRP ने किया था सीधा प्रसारण
भाजपा ने कहा, ‘‘गौतम अदाणी पर किये गए राहुल गांधी के संवाददाता सम्मेलन का जॉर्ज सोरोस की ओर से वित्त पोषित ओसीसीआरपी की ओर से सीधा प्रसारण किया गया, जबकि अदाणी की आलोचना करने के लिए गांधी इसका (ओसीसीआरपी) इस्तेमाल स्रोत के रूप में करते हैं. यह उनके खतरनाक संबंधों को दर्शाता है और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के उनके प्रयासों को उजागर करता है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सार्वजनिक रूप से जॉर्ज सोरोस को अपना पुराना मित्र बताया है. यह सचमुच में गौर करने वाली बात है.’’
अमेरिका ने भाजपा के आरोपोंं को किया खारिज
भाजपा के ये आरोप गुरुवार को उसकी ओर से किये गए उस दावे के बाद आए हैं, जिसमें उसने कहा था कि अमेरिका की सरकारी संस्थाओं से जुड़े तत्वों ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ओसीसीआरपी और राहुल गांधी के साथ सांठगांठ की है. अमेरिका ने शनिवार को भाजपा के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से वित्तपोषित संगठन और वाशिंगटन की सरकारी संस्थाओं से जुड़े तत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी पर लक्षित हमलों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने के प्रयासों में शामिल हैं.
लोकसभा में राहुल गांधी से 10 सवाल पूछेंगे भाजपा सांसद
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने आरोपों को निराशाजनक बताया और कहा कि अमेरिका सरकार दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता की पैरोकार रही है. दूतावास के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद दुबे ने कहा, ‘‘कल मैंने अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों का बयान बार-बार पढ़ा. उन्होंने स्वीकार किया है कि अमेरिकी सरकार ओसीसीआरपी को धन देती है और सोरोस फाउंडेशन भी इसे धन देता है.’’ उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि ओसीसीआरपी और सोरोस का काम भारत की अर्थव्यवस्था को चौपट करना और विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर मोदी सरकार को बदनाम करना है. दुबे ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘कल के बयान के बाद मुझे लोकसभा में राहुल गांधी से 10 प्रश्न पूछने हैं. विपक्ष संसद में मेरी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है. लोकसभा का नियम 357 मुझे प्रश्न पूछने का अधिकार देता है. कल का इंतजार है.’’
क्या बोले अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता
अदाणी समूह पर हमला करने और उस पर सरकार के साथ नजदीकी रखने का आरोप लगाने के लिए राहुल गांधी की ओर से ओसीसीआरपी रिपोर्ट का इस्तेमाल किये जाने का भाजपा ने उल्लेख किया है. अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा था, ‘‘यह निराशाजनक है कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी इस प्रकार के आरोप लगा रही है.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिकी सरकार पत्रकारों के लिए पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों पर स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है. यह कार्यक्रम इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों या दिशा को प्रभावित नहीं करता है.’’
एम्स्टर्डम में है OCCRP का ऑफिस
ओसीसीआरपी एक मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसका मुख्यालय एम्स्टर्डम में है. ओसीसीआरपी मुख्य रूप से अपराध और भ्रष्टाचार से संबंधित खबरों को कवर करता है. पिछले महीने अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अदाणी (62), उनके भतीजे सागर और अन्य प्रतिवादियों पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया था. इस अनुबंध से अदाणी समूह को संभवत: 2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता था.
वहीं, अदाणी समूह ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है. विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर कारोबारी (अदाणी) को बचाने का आरोप लगाया है और वह आरोपों की गहन जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रही है.
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