देश की शिक्षा नीति को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर शिक्षा के क्षेत्र में संघीय ढांचे को कमजोर करने और युवाओं के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया. इसके जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर दशकों तक शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर बीजेपी और आरएसएस पर उच्च शिक्षा पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने छात्रों और शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई गंभीर गलतियां की हैं.
एनटीएसई स्कॉलरशिप बंद होने का आरोप
खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) स्कॉलरशिप पिछले तीन साल से बंद है. यह स्कीम 1963 से चलाई जा रही थी और इस पर 40 करोड़ रुपये खर्च होते थे, जबकि मोदी सरकार ने अपने पीआर पर 62 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि यूजीसी के 2025 ड्राफ्ट रेगुलेशन राज्यपालों को कुलपति नियुक्ति में व्यापक नियंत्रण प्रदान करते हैं. खरगे का कहना है कि यह संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकारों पर हमला है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और आरएसएस केवल संघ परिवार से जुड़े कुलपति नियुक्त करना चाहते हैं.
कांग्रेस युवाओं को भ्रमित कर रही है: धर्मेंद्र प्रधान
कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दशकों तक देश की शिक्षा व्यवस्था को बदहाल और भ्रष्ट बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूजीसी विनियम 2010, 2018 और 2025 सभी में स्पष्ट है कि कुलपति की नियुक्ति चांसलर या विजिटर की ओर से की जाती है. यह परंपरा देश की आजादी से पहले से चल रही है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध केवल इसलिए कर रही है क्योंकि इसमें भारतीयता के अंश हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली को कमजोर किया और सांस्कृतिक धरोहर को पाठ्यपुस्तकों से मिटाने का काम किया.
वित्तीय कटौती और HEFA पर बहस
मल्लिकार्जुन खरगे ने यूजीसी के बजट में 61% कटौती और HEFA (हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी) को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि HEFA के जरिए फंड को लोन में तब्दील किया जा रहा है, जिससे कॉलेज और विश्वविद्यालयों को स्व-वित्त पोषित कोर्स शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. प्रधान ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस पर शिक्षा व्यवस्था को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि देश के युवाओं को भ्रमित करना कांग्रेस की रणनीति बन चुकी है.
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