Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच बीजेपी कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती. इसी के मद्देनजर सोमवार 27 जून को सूबे के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) के घर मुंबई (Mumbai) में बीजेपी कोर की विशेष बैठक हुई. बीजेपी के महाराष्ट्र चीफ चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि इस बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की पूर्व तैयारी को लेकर चर्चा हुईं.


सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में महाराष्ट्र के सियासी संकट पर आगे की रणनीति के तहत पार्टी की तरफ से अपने सभी विधायकों को मुंबई में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं.


 सूबे के बीजेपी चीफ बोले शिवसेना का अंदरूनी मामला


महाराष्ट्र के बीजेपी चीफ चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil ) ने आज 27 जून की बैठक के बारे में कहा कि ये बैठक आगामी  2 और 3 जुलाई को हैदराबाद में होने वाली राष्ट्रीय बैठक की पूर्व तैयारी को लेकर की जा रही है. हालांकि उन्होंने इस मौके पर कहा कि वह शिवसेना के मामले में न्यायालय को लेकर कुछ भी नहीं कहेंगे. उनका जो भी डेली का रूटीन है,उसको लेकर उनकी पार्टी का काम काज जारी है.


उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला शिवसेना के दो गुटों का है, बीजेपी को इस मामले में किसी प्रकार का कोई भी कदम उठाने की जरूरत नही है. उन्होंने आगे कहा कि ये शिवसेना का अंदरूनी मामला है. शिवसेना के विधायकों का एक -एक कर बगावती होना उनकी पार्टी का मसला है,  हम उस पर कुछ नही कहेंगे. भले ही उनके कार्यकर्ता शिवसेना एयरपोर्ट पर जाएं या न जाएं. इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है.


केंद्र विधायकों को सुरक्षा दे सकती है


बैठक के दौरान विधायकों को सुरक्षा देने के मामले में चन्द्रकान्त दादा पाटिल ने कहा है कि जब राज्य सुरक्षा नहीं दे पाता है,तो केंद्र इस तरह का कदम उठा सकती है. इस दौरान वह अजित पवार के कोरोना होने को लेकर भी चिंतित दिखे. उन्होंने कहा कि दुआ करते हैं कि  वो जल्द से जल्द ठीक हो.


बीजेपी को ऑफर मिलने से किया इंकार


बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि सजंय राउत (Sanjay Rajaram Raut) की ईडी की नोटिस को लेकर उन्हें कुछ नही कहना. उनके खिलाफ एक एजेंसी की कार्रवाई की है. उन्होंने कहा जिस तरह से राउत बयान देते हैं वो जगजाहिर है.


कई मंत्रियों के विभाग तबादले को लेकर उन्होंने कहा कि ये अधिकार मुख्यमंत्री को होते हैं, लेकिन उन्हें नवाब मलिक का भी इस्तीफा लेना चाहिए था. ये भी उनके अधिकार में है. ये सरकार अल्पमत में आ गई है कि नहीं और ये आंकड़ा 38 का है या 40 का मुझे कुछ नहीं कहना है. बस इतना कह सकता हूं कि बीजेपी को कोई भी आफर नही मिला है.


उन्होंने कहा कि मैं एक छोटे से गांव से आता हूं और बीजेपी के नेता राव साहब दानवे (Raosaheb Danve )ने  इस मामले को लेकर जो भी कहा ये आप उन्हीं से जाकर पूछे. गौरलतब है कि दानवे ने कहा था कि सूबे में बीजेपी सरकार बनने के आसार हैं. 


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