नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी ने एक स्लोगन तैयार किया है- अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल. इस स्लोगन को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भी एक स्लोगन तैयार किया है- पांच साल दिल्ली बेहाल, अब नहीं चाहिए केजरीवाल.
चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की I-PAC के साथ हाथ मिलाया है. प्रशांत किशोर ने 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी, 2015 में नीतीश कुमार के चुनाव अभियान को संभाला था और 2017 में अमरिंदर सिंह के चुनाव अभियान की कमान अपने हाथ में ली थी.
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हालांकि 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और राहुल गांधी की कांग्रेस को साथ लाने का उनका दांव पूरी तरह असफल रहा था. 2019 में प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के लिए भी काम किया है.
2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थी. सीएम अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग जनवरी के दूसरे सप्ताह तक चुनावों की तारीखों का एलान कर देगा और फरवरी के दूसरे हफ्ते तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
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हाल ही में प्रशांत किशोर ने दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ काम करने का फैसला लिया था. आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने खुद ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी थी.
चुनावों के लिए बीजेपी भी तैयार
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए दिल्ली बीजेपी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसका शंखनाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 22 दिसंबर को की गई रैली से कर दिया है.
अब चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली बीजेपी ने चुनाव प्रबंधन समिति का एलान भी कर दिया है. इस चुनाव प्रबंधन समिति में बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ ही अलग-अलग सांसदों को भी जिम्मेदारियां दी गई हैं.