कोलकाता: बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने और राज्य में 'कानून व्यवस्था की बिगड़ती' स्थिति के आकलन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजने की आज मांग की. बीजेपी ने यह मांग एक आपत्तिजनक पोस्ट के बाद राज्य के उत्तरी 24 परगना जिले में सोमवार को हुयी सांप्रदायिक झड़पों के बाद की है. स्थिति पर काबू के लिए सरकार ने स्थानीय प्रशासन की मदद की खातिर बीएसएफ के 400 जवान वहां भेजे हैं.
''केंद्र तुरंत हस्तक्षेप करे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए''
बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा,''हमारी मांग है कि केंद्र तुरंत हस्तक्षेप करे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए. केंद्र को राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के आकलन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजनी चाहिए.''
अल्पसंख्यक मतों के मद्देनजर ''तुष्टीकरण की राजनीति''
घोष ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में अल्पसंख्यक मतों के मद्देनजर ''तुष्टीकरण की राजनीति'' कर रही है.
''जिहादियों के लिए शरण स्थली बन गया है बंगाल''
घोष ने आरोप लगाया,''उत्तरी 24 परगना जिले के बदुरिया की घटना तुष्टीकरण की राजनीति का स्पष्ट संकेत है. हिन्दुओं की संपत्ति और घरों को आग लगा दी गयी और लूटपाट की गयी लेकिन पुलिस मूकदर्शक के रूप में खड़ी रही. जब राज्यपाल ने हस्तक्षेप किया तब केंद्रीय बलों को बुलाया गया. सिर्फ वोटबैंक की खातिर दंगे होने दिये गये.'' उन्होंने आरोप लगाया,'' हम सब जानते हैं कि बंगाल जिहादियों के लिए शरण स्थली बन गया है...''