नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों को नसीहत दी कि सौहार्द का वातावरण बनाए रखने में मदद करें और कोर्ट के फैसले का सम्मान करें. उधर बीजेपी ने सभी सांसदों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में रहने के लिए कहा गया है. साथ ही साथ सभी धर्म-संप्रदाय के प्रमुख लोगों से बातचीत करके अपने-अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए प्रयास करने के लिए बैठके करने और संगोष्ठी आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. पार्टी की ओर से प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठकर कर शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.


इससे पहले संघ परिवार ने अपने सभी अनुषांगिक संगठन को अयोध्या पर आने वाले संभावित फैसले के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए सभी प्रचारको को अपने सभी प्रवास यानी कि टूर रद्द करने के निर्देश दिए थे और अपने केंद्र पर मौजूद रहने को कहा था. आरएसएस ने अपने प्रचारकों को सभी धर्मों के प्रमुख लोगों से संवाद कायम करने और जो भी फैसला है उसे बड़े दिल से स्वीकार करने के पक्ष में माहौल और सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए बैठकें करने के निर्देश दिए थे.


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संघ परिवार ने अपने प्रचारकों से ये भी कहा था कि अपने पक्ष में फैसला आने पर उत्सव मनाएं. उत्सव मनाने के लिए बाजारों में रोशनी करें ,घरों में दीपक जलाएं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करें. लेकिन यह करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि दूसरे धर्म के अनुयायियों को इससे ठेस न पहुंचे. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने खुद मुस्लिम धर्म और अन्य अल्पसंख्यक संप्रदाय और धर्म के लोगों के साथ दिल्ली में बैठने की बात कही थी, साथ ही इसी तरह की बैठकें प्रदेश जिले और ब्लॉक स्तर पर करने के निर्देश संघ प्रमुख ने प्रचारको को दिए थे.


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अब ऐसे ही निर्देश बीजेपी ने अपने विधायकों सांसदों मंत्रियों और संगठन में पदाधिकारियों को जारी किए ताकि अयोध्या मामले पर फैसला जब कोर्ट सुनाएं तो देश का सामाजिक ताना-बाना बना रहे. सांप्रदायिक सौहार्द मजबूती से स्थापित रहे और फैसले को सब बड़े दिल से स्वीकार करें.


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